एफसीआई के गोदाम में करीब 812 लाख टन खाद्यान्न उपलब्ध है: भारत सरकार

By भाषा | Published: June 13, 2020 04:41 AM2020-06-13T04:41:57+5:302020-06-13T04:41:57+5:30

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए एक महीने में लगभग 55 लाख टन खाद्यान्न की आवश्यकता होती है।

Around 812 lakh tonnes of food grains are available in FCI godown: Government of India | एफसीआई के गोदाम में करीब 812 लाख टन खाद्यान्न उपलब्ध है: भारत सरकार

भारतीय खाद्य निगम (File Photo)

Highlightsनरेंद्र मोदी सरकार ने कहा कि 11 जून तक कुल 376.58 लाख टन गेहूं और 734.58 लाख टन चावल की खरीद की जा चुकी है।आत्मनिर्भार भारत पैकेज के तहत, सरकार ने फैसला किया है कि लगभग 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों, फंसे हुए और जरूरतमंद परिवारों को 8 लाख टन खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा।सभी प्रवासियों (मजदूरों) को मई और जून के महीने के लिए प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त में वितरित किया जा रहा है।

नयी दिल्ली: भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास मौजूदा समय में 811.69 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक है, जो खाद्य कानून और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत प्रतिबद्धताएं पूरा करने के लिए पर्याप्त है। एफसीआई खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी है।

एक सरकारी बयान में कहा गया है, ‘‘11 जून को जारी एफसीआई की रिपोर्ट के अनुसार, एफसीआई के पास इस समय में 270.89 लाख टन चावल और 540.80 लाख टन गेहूं हैं। इसलिए, कुल 811.69 लाख टन खाद्यान्न स्टॉक उपलब्ध है जिसमें गेहूं और धान की मौजूदा खरीद को शामिल नहीं किया गया है और जो अभी तक गोदामों में नहीं पहुंच पाया है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए एक महीने में लगभग 55 लाख टन खाद्यान्न की आवश्यकता होती है। 11 जून तक कुल 376.58 लाख टन गेहूं और 734.58 लाख टन चावल की खरीद की जा चुकी है। आत्मनिर्भार भारत पैकेज के तहत, सरकार ने फैसला किया है कि लगभग 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों, फंसे हुए और जरूरतमंद परिवारों को 8 लाख टन खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा, जो लोग एनएफएसए या राज्य योजना वाली पीडीएस कार्ड के अंतर्गत नहीं आते हैं। सभी प्रवासियों (मजदूरों) को मई और जून के महीने के लिए प्रति व्यक्ति पाँच किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त में वितरित किया जा रहा है।

प्रवासियों को प्रति परिवार एक किलो चना / दाल भी आवंटित की जाती है। बयान में कहा गया है, ‘‘राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने 5.48 लाख टन खाद्यान्न का उठान किया है और कुल 45.62 लाख लाभार्थियों को (मई में 35.32 लाख लाभार्थी और जून 10.30 लाख लाभार्थियों) 22,812 टन खाद्यान्न का वितरण किया है। सरकार ने 1.96 करोड़ प्रवासी परिवारों के लिए 39,000 दालों के वितरण को भी मंजूरी दी है।’’

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लगभग 33,916 टन चना / दाल भेजा गया है। विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा कुल 23,733 टन चने का उठाव किया गया है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा 2,092 टन चना वितरित किया गया है। बयान में कहा गया है, ‘‘सरकार ने इस योजना के तहत खाद्यान्न के 100 प्रतिशत यानी 3,109 करोड़ रुपये और इस योजना के तहत 280 करोड़ रुपये का चना बांटने का वित्तीय बोझ उठा रही है।’’

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण ऐन योजना के तहत, 3 महीने अप्रैल-जून के लिए, कुल 104.3 लाख टन चावल और 15.2 लाख टन गेहूं की आवश्यकता होती है और इसमें से विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में 94.71 लाख टन चावल और 14.20 लाख टन गेहूं उठा लिया गया है।

अप्रैल में, 74 करोड़ लाभार्थियों को 37 लाख टन (92 प्रतिशत) खाद्यान्न वितरित किया गया है, जबकि मई में कुल 35.82 लाख टन (90 प्रतिशत) खाद्यान्न 71.64 करोड़ लाभार्थियों को और जून में 9.34 करोड़ टन (23 प्रतिशत) खाद्यान्न 18.68 करोड़ लाभार्थियों को वितरित किया गया है। सरकार इस योजना के तहत लगभग 46,000 करोड़ रुपये के वित्तीय भार का 100 प्रतिशत बोझ वहन कर रही है।

दालों के संबंध में, तीन महीनों के लिए कुल आवश्यकता 5.87 लाख टन की है। सरकार इस योजना के तहत लगभग 5,000 करोड़ रुपये का 100 प्रतिशत वित्तीय भार वहन कर रही है। बयान में कहा गया है, ‘‘अब तक 5.50 लाख टन दालों को राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को भेज चुकी है और 4.91 लाख टन राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में पहुंच गया है, जबकि 3.06 लाख टन दालों का वितरण किया जा चुका है।’’  

Web Title: Around 812 lakh tonnes of food grains are available in FCI godown: Government of India

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