कश्मीर घाटी में सेना के शीर्ष कमांडर ने मंगलवार को लगभग 80 ऐसे परिवारों के सदस्यों से मुलाकात की, जिनके बच्चे जम्मू कश्मीर में विभिन्न आतंकवादी समूहों में शामिल हो गए हैं और उनसे अपने बच्चों को हर संभव तरीके से वापस लाने का आग्रह किया। श्रीनगर स्थित चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडे ने दक्षिण कश्मीर के इस अत्यधिक अशांत जिले के एक स्टेडियम में आयोजित एक समारोह में उपस्थित लोगों से कहा, ‘‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप अपने बच्चों को आतंकवाद के दलदल से बाहर निकालें। मैं इसे आप पर छोड़ता हूं कि आप उन्हें कैसे निकालते हैं लेकिन कृपया ऐसा करें।’’ यह पहली बार है जब घाटी के सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने उन परिवारों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की है जिनके बच्चों ने बंदूकें उठाई हैं। पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) विजय कुमार ने कहा, ‘‘पुलिस और सुरक्षा बल पिछले साल से मुठभेड़ों के दौरान (स्थानीय आतंकवादियों को) आत्मसमर्पण करने के अवसर प्रदान कर रहे हैं। परिवारों से अनुरोध है कि वे अपने बच्चों (नए भर्ती किए गए आतंकवादियों) को मनाएं, उनसे वापस लौटने को कहें।’’ सेना के कमांडर ने परिवारों को आम जनता के बीच घूमने वाले ‘‘सफेदपोश’’ आतंकवादियों के खिलाफ आगाह किया और कहा, ‘‘इन सफेदपोश आतंकवादियों के बच्चे देश के बाकी हिस्सों में आनंद ले रहे हैं और पढ़ रहे हैं, आपके बच्चे इन लोगों के निशाने पर हैं। उनसे सावधान रहें।’’ कार्यक्रम में विक्टर फोर्स के जीओसी मेजर जनरल राशिम बाली और 44-राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल ए के सिंह भी शामिल थे।
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