केन्द्रीय मंत्री और राजस्थान बीजेपी के बड़े नेता अर्जुन राम मेघवाल अपने एक बयान के कारण सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने हाल ही में अलवर हिंसा की निंदा की है। अलवर में गोतस्करी के आरोप में भीड़ ने अकबर नाम के शख्स को पीट-पीटकर मार दिया है। इस हत्या की उन्होंने कड़ी निंदा की और मॉब लिंचिंग पर कई सवाल भी खड़े किये।
उन्होंने कहा कि मोदी जी जितना मशहूर होंगे, मॉब लिंचिंग की घटनाएं उतनी ही बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि हम मॉब लिंचिंग की निंदा करते हैं लेकिन यह पहली घटना नहीं है। आपको इसकी जड़ें इतिहास से निकालनी होंगी। ऐसा क्यों हुआ? इसे कौन रोकेगा? सिखों के साथ 1984 में जो हुआ था वह राष्ट्र के इतिहास की सबसे बड़ी लिंचिंग थी। मोदी जितने मशहूर होते हैं, उतनी ही इस तरह की घटनाएं होती हैं। बिहार चुनाव से पहले अवॉर्ड वापसी, यूपी चुनाव से पहले मॉब लिंचिंग हुई। 2019 के चुनाव से पहले कुछ और हो सकता है। मोदी जी ने योजनाएं दी और उसका असर दिख रहा है यह उसका एक रिएक्शन है।
वहीं राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया ने ट्वीट करके लिखा है कि अलवर में गो परिवहन से सम्बंधित वारदात में हुई नृशंस हत्या की मैं कड़े शब्दों में निंदा करती हूँ। पुलिस मामला दर्ज कर दो संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ कर रही है। मैंने गृह मंत्री गुलाब कटियारा जी को जल्द से जल्द मामले की छानबीन कर दोषियों को कड़ी सज़ा दिलाने के निर्देश दिए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अकबर उनके साथ अन्य शख्स दो गायों को अलवर से अपने घर हरियाणा के कोलेगांव लेकर जा रहा था लेकिन रास्ते में भीड़ ने उन्हें घेर लिया और गौकशी के शक में उन्हें पीटना शुरू कर दिया। इस बीच एक शख्स भागने में कामयाब रहा लेकिन अकबर खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। हांलाकि ये पहला मामला नहीं है जब गौरक्षा के नाम पर भीड़ ने किसी शख्स की पीट-पीटकर हत्या की हो। इससे पहले साल 2017 में पहलू खान नाम के एक शख्स की भीड़ ने गौरक्षा के नाम पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।