नई दिल्ली: बीबीसी ने ब्रिटिश सरकार की नई आव्रजन नीति (शरण नीति) की आलोचना करने के कारण अपने होस्ट गैरी लिनेकर को निलम्बित कर दिया है। सरकार की आव्रजन नीति की आलोचना करने के कारण बीते शुक्रवार, 10 मार्च को गैरी लिनेकर को अपना फुटबॉल शो पेश करने से मना कर दिया गया। अब बीबीसी के इस कदम पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने तंज कसा है और बीबीसी पर पत्रकारिता को लेकर दोहरे आचरण का आरोप लगाया है।
अनुराग ठाकुर ने लिखा, "यह देखना दिलचस्प है कि पत्रकारिता की निष्पक्षता और स्वतंत्रता के बारे में बुलंद दावे करने वाले बीबीसी ने अपने स्टार एंकर को उनकी सोशल मीडिया एक्टिविटी पर कैसे निलंबित कर दिया। नकली नैरेटिव सेटिंग और नैतिक पत्रकारिता स्वाभाविक रूप से एक दूसरे के विरोधी हैं। मनगढंत तथ्यों में फर्जी दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार में शामिल लोगों के कभी भी पत्रकारिता की स्वतंत्रता के लिए खड़े होने के साहस की उम्मीद नहीं की जा सकती है।"
क्या है मामला
62 वर्षीय गैरी लिनेकर बीबीसी के ‘मैच ऑफ द डे’ कार्यक्रम के एंकर थे। ब्रिटिश सरकार की नई आव्रजन नीति को गलत बताते हुए गैरी लिनेकर ने टिवटर पर लिखा था कि ब्रिटिश गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन नावों पर इंग्लिश चैनल पार कर शरण के लिए आने वालों को रोकने जर्मन नाजी युग की याद दिलाने वाली भाषा का उपयोग कर रही हैं। गैरी लिनेकर ने आगे कहा था कि हम अन्य प्रमुख यूरोपीय देशों की तुलना में बहुत कम शरणार्थियों को लेते हैं।
गैरी लिनेकर की इस टिप्पणी के बाद बीबीसी ने उन्हें अपने बेहद लोकप्रिय कार्यक्रम की एंकरिंग से हटा दिया। गैरी लिनेकर को उनकी टिप्पणी के लिए निलम्बित करने के बाद बीबीसी की तरफ से कहा गया कि उनकी सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी संस्थान के दिशा निर्देशों की उल्लंघन है। बीबीसी की तरफ से ये भी कहा गया कि गैरी लिनेकर को राजनीतिक मुद्दों पर पक्ष लेने से बचना चाहिए।