नई दिल्ली, 23 मार्च: समाजसेवी अन्ना हजारे एकबार फिर दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठ गए हैं। 6 साल पहले लोकपाल कानून के उन्होंने अनशन किया था जिससे देशव्यापी आंदोलन खड़ा हो गया। इस बार अन्ना हजारे की मांग लोकपाल कानून और किसानों के मुद्दों से जुड़ी हुई है। अनशन से पहले अन्ना हजारे राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर गए। वहां उन्होंने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
ऐतिहासिक रामलीला मैदान में झंडा लहराकर अन्ना हजारे ने अनशन की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैंने सरकार को 42 बार पत्र लिखा, लेकिन सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। अंत में मुझे अनशन पर बैठना पड़ रहा है। अन्ना हजारे ने कहा कि अंग्रेस चले गए लेकिन देश में लोकतंत्र नहीं आया। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को दिल्ली आने से रोक रही है सरकार।
रामलीला मैदान में अनशन की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कानून व्यवस्था और अन्ना हजारे की सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अन्ना हजारे ने साफ किया है कि इसबार मंच पर राजनेताओं को जगह नहीं मिलेगी। राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर पुष्प अर्पित करने के बाद अन्ना हजारे हाथ जोड़े खड़े रहे। उन्होंने लोकपाल और किसानों की मांग को लेकर आमरण अनशन करने का फैसला किया है।
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अनशन से पहले अन्ना हजारे ने सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, 'तुम दिल्ली आने वाले प्रदर्शनकारियों की ट्रेन रद्द कर देते हो, तुम हिंसा के जरिए उन्हें पीछे ढकेलना चाहते हो. मेरे लिए पुलिस बल लगाया गया है। मैंने कई चिट्ठियां लिखी कि मुझे पुलिस सुरक्षा नहीं चाहिए। तुम्हारी सुरक्षा मुझे नहीं बचा सकती। सरकार का यह रवैया ठीक नहीं है।'
अन्ना हजारे के अनशन को बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिलने की उम्मीद है। धीरे-धीरे देश भर से किसानों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। अन्ना हजारे की प्रमुख मांग किसानों की फसलों का उचित समर्थन मूल्य देने की है।
अन्ना की जनसभा के चलते दिल्ली में यातायात प्रभावित रहेगा। दिल्ली यातायात पुलिस ने परामर्श जारी कर लोगों को अरुणा आसफ अली रोड, दिल्ली गेट, दरियागंज, नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन, अजमेरी गेट, पहाड़गंज, आईटीओ, राजघाट, मिंटो रोड, विवेकानन्द मार्ग, जेएलएन मार्ग इत्यादि की ओर जाने से बचने को कहा है।