नई दिल्लीः हरियाणा के रोहतक में शुक्रवार तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 2.3 मापी गई है। यह जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने दी है। पिछले एक महीने से भूंकप की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इस एनसीएस के निदेशक बी के बंसल ने कह चुके हैं कि भूकंप के चलते घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन तैयारियां और एहतियाती कदम उठाना जरूरी है।
बंसल का कहना था कि दिल्ली के भूकंप के इतिहास को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में मामूली भूकंप के झटके असामान्य नहीं हैं। घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन जोखिम कम करने के लिए तैयारी और शमन उपाय करना जरूरी है। दुनिया में ऐसी कोई सिद्ध तकनीक नहीं है जिससे स्थान, समय और परिमाण के मामले में निश्चितता के साथ भूकंप की भविष्यवाणी की जा सके।
अभी हाल में 15 जून को गुजरात के कच्छ जिले में भूकंप बाद के 15 झटके महसूस किए गए थे। इनमें से कुछ झटके चार तीव्रता से ज्यादा के थे। इससे एक दिन पहले इलाके में 5.3 तीव्रता का भूकंप आया था। कुछ घरों में दरारें पड़ गईं थीं। उससे पहले 5.3 तीव्रता का भूकंप आया था जिसका केंद्र कच्छ के भचाउ से 10 किलोमीटर उत्तर-उत्तर पूर्व में स्थित था। यहीं पर 2001 में विनाशकारी भूकंप आया था।
भूकंप आने पर कैसे करें बचाव
भूकंप जब भी आता है तो इससे अपना बचाव आप आसानी कर सकते हैं। इसके लिए मकान, दफ्तर या किसी भी इमारत से तुरंत बाहर निकलें और खुले में जाएं, किसी बिल्डिंग के आसपास खड़े न हों, लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, घर के दरवाजे और खिड़की को खुला रखें और घर की सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। इसके अलावा अगर बिल्डिंग बहुत ऊंची हो और तुरंत उतर पाना मुमकिन न हो तो उसमें मौजूद किसी मेज, ऊंची चौकी या बेड के नीचे छिप जाएं। भूकंप के दौरान लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं, ऐसे में स्थिति और बुरी हो सकती है।