“राजनीति छोड़ने” की टिप्पणी करने के हफ्तों बाद नाराज सुप्रियो टीएमसी में हुए शामिल

By भाषा | Updated: September 18, 2021 18:36 IST2021-09-18T18:36:15+5:302021-09-18T18:36:15+5:30

An angry Supriyo joins TMC weeks after making "quit politics" remarks | “राजनीति छोड़ने” की टिप्पणी करने के हफ्तों बाद नाराज सुप्रियो टीएमसी में हुए शामिल

“राजनीति छोड़ने” की टिप्पणी करने के हफ्तों बाद नाराज सुप्रियो टीएमसी में हुए शामिल

कोलकाता, 18 सितंबर केंद्रीय मंत्रिपरिषद से हटाए जाने के बाद कई हफ्तों तक कभी नरम तो कभी गरम तेवर दिखाने वाले भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थामकर लोगों को चौंका दिया।

आसनसोल संसदीय सीट से दो बार के सांसद सुप्रियो ने पूर्व में कहा था कि वह राजनीति छोड़ देंगे। हालांकि, भाजपा नेतृत्व ने बाद में उन्हें लोकसभा का सदस्य बने रहने के लिये मना लिया था।

गायिकी से सियासत का रुख करने वाले सुप्रियो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा सदस्य व प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन की मौजूदगी में टीएमसी में शामिल हुए।

टीएमसी ने ट्वीट किया, “आज, राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन की उपस्थिति में, पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद बाबुल सुप्रियो तृणमूल परिवार में शामिल हो गए। हम इस अवसर पर उनका बेहद गर्मजोशी से स्वागत करते हैं।”

भाजपा जैसे दल में कई लोगों के विपरीत, सुप्रियो ने जुलाई में लंबे समय से प्रतीक्षित फेरबदल के दौरान केंद्र सरकार से हटाए जाने पर अपनी नाराजगी स्पष्ट रूप से जाहिर की थी। संयोग से यह मार्च-अप्रैल में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टॉलीगंज में उनकी हार के बाद हुआ था।

उस संभावना को लेकर भी अटकलें लग रही हैं कि सुप्रियो को हाल में टीएमसी सदस्य अर्पिता घोष द्वारा खाली की गई सीट से राज्यसभा भेजा जा सकता है। घोष ने हाल में इस्तीफा देते हुए कहा था कि वह पार्टी संगठन के लिये काम करना चाहती हैं।

बमुश्किल 10 मिनट चले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुप्रियो ने कहा कि वह टीएमसी में शामिल होने को लेकर उत्साहित हैं और पश्चिम बंगाल के विकास को लेकर काम करेंगे।

उन्होंने कहा, “जब मैंने दो महीने पहले कहा था कि मैं राजनीति छोड़ना चाहता हूं तो मैं इसे लेकर गंभीर था। यह नया घटनाक्रम बीते दो-तीन दिनों में हुआ। इसलिए, यह नया अवसर मिलने के बाद, मैंने अपना विचार बदलने का फैसला किया।”

उन्होंने कहा, “मैं टीएमसी में शामिल होने को लेकर बहुत उत्साहित हूं। मैं बंगाल के विकास के लिए काम करूंगा।” जब उनसे लोकसभा सीट से इस्तीफा देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं नियमों का पालन करूंगा। जब मैं तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गया हूं तो आसनसोल सीट पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है।”

सुप्रियो ने कहा कि वह सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं राज्य के लोगों के लिये काम करने का अवसर देने के लिये अभिषेक बनर्जी और ममता बनर्जी का शुक्रगुजार हूं।”

मंत्रिपरिषद से हटाए जाने के कुछ दिनों बाद, सुप्रियो ने कहा था कि राजनीति छोड़ने के उनके फैसले में इस वजह की कुछ भूमिका थी, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया था कि वह किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं।

पूर्व मंत्री ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था, “मेरे पिता, पत्नी, बेटी और कुछ करीबी दोस्तों को जो कहना था, वह सुन लिया है। सब कुछ सुनने के बाद, मैं कह रहा हूं कि मैं किसी अन्य पार्टी में नहीं जा रहा हूं। मैं पुष्टि कर रहा हूं कि मैं कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहा हूं, न ही सीपीएम में। न तो उन्होंने मुझे बुलाया है, न ही मैं जा रहा हूं। मैं एक टीम का खिलाड़ी हूं। हमेशा मोहन बागान का समर्थन किया है... केवल पश्चिम बंगाल भाजपा के साथ हूं.. बस।”

सुप्रियो के टीएमसी में शामिल होने पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि उनके पाला बदलने का फैसला बताता है कि वह “अवसरवादी” हैं।

उन्होंने कहा, “यह केवल इस बात को साबित करता है कि वह केवल केंद्रीय मंत्री के पद के लिए पार्टी के साथ थे। जैसे ही उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया, उन्होंने खेमा बदल लिया। लेकिन मैं यह स्पष्ट कर दूं कि 2024 में एक भाजपा उम्मीदवार आसनसोल लोकसभा सीट जीतेगा।”

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा कि यह घटनाक्रम दिखाता है कि टीएमसी और भाजपा अन्य दलों के नेताओं को ‘शिकार’ बनाते हैं।

सुप्रियो का पार्टी में स्वागत करते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि यह घटनाक्रम साबित करता है कि भाजपा बंगाल में डूबता जहाज है।

उन्होंने कहा, “यह साबित करता है कि भाजपा बंगाल में डूबता जहाज है। सुप्रियो पार्टी के कामकाज से खुश नहीं थे और उन्होंने भगवा खेमे को छोड़ने का फैसला किया।

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Web Title: An angry Supriyo joins TMC weeks after making "quit politics" remarks

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