Amour: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) रविवार को उस समय असहज स्थिति में आ गई, जब पूर्णिया जिले की अमौर विधानसभा सीट से पूर्व सांसद साबिर अली की उम्मीदवारी वापस लेकर सबा जफर को प्रत्याशी बनाए रखने की घोषणा की गई। पार्टी ने शनिवार को अचानक साबिर अली को उम्मीदवार घोषित कर दिया था, जिससे कार्यकर्ता हैरान रह गए।
अली को 2014 में जद (यू) से निष्कासित कर दिया गया था। वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे एवं 2010 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर इसी सीट से विजयी हुए सबा जफर जद(यू) की पहले से घोषित सूची में शामिल थे और उन्होंने नामांकन भी दाखिल कर दिया था।
रविवार को, अली और जफर ने जद(यू) की वरिष्ठ नेता एवं मंत्री लेशी सिंह के आवास पर संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन किया, जहां एक दिन पहले ही अली की पार्टी में वापसी हुई थी। सबा जफर ने कहा, ‘‘कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। अली साहब सीमांचल क्षेत्र में पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए लौटे हैं। मैंने कल ही नामांकन पत्र दाखिल किया था और मुझसे कभी चुनाव चिह्न लौटाने के लिए नहीं कहा गया।’’
उनका यह बयान जद (यू) के पटना स्थित कार्यालय से जारी एक आधिकारिक बयान के विपरीत था। वहीं, साबिर अली ने स्वीकार किया कि उनकी उम्मीदवारी की घोषणा पार्टी के आधिकारिक माध्यमों से हुई थी, लेकिन उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे दिल पर नहीं लेता। पार्टी जहां भी भेजेगी, वहां प्रचार करने को तैयार हूं, चाहे वह सियाचिन ग्लेशियर ही क्यों न हो।’’