NRC विवादः ममता के विरोध का BJP देगी जवाब, अमित शाह एक अक्टूबर को जाएंगे कोलकाता
By रामदीप मिश्रा | Published: September 24, 2019 10:40 AM2019-09-24T10:40:47+5:302019-09-24T10:40:47+5:30
गृह मंत्री अमित शाह एक अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह राज्य की राजधानी कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में एनआरसी पर लोगों को संबोधित करेंगे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) का विरोध करती आ रही हैं। वह इसको लेकर सड़कों पर भी उतर चुकी हैं, लेकिन अब सूबे के आमजन को मैसेज देने के लिए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाहपश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह एक अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह राज्य की राजधानी कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में एनआरसी और नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोगों को संबोधित करेंगे, ताकि आने वाले समय में इस राज्य में लागू करने को लेकर कदम उठाए जा सकें।
हालांकि सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने राज्य में एनआरसी को लागू करने के लिए साफतौर पर मना कर चुकी हैं। इसके लिए वह 12 सितंबर को कोलकाता में एक विरोध मार्च भी निकाल चुकी हैं, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद थे। बता दें, असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की अंतिम सूची ऑनलाइन जारी की जा चुकी है।
Union Home Minister Amit Shah to speak on National Register of Citizens (NRC) and Citizenship Amendment Bill at Kolkata's Netaji Indoor Stadium on October 1. (file pic) #WestBengalpic.twitter.com/RpygdCwMmA
— ANI (@ANI) September 24, 2019
ममता बनर्जी ने बड़ी संख्या में बंगालियों को एनआरसी की अंतिम सूची से बाहर रखे जाने को लेकर चिंता जता चुकी हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि एनआरसी की विफलता ने उन सभी लोगों को उजागर कर दिया है जो इससे राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हें देश को बहुत जवाब देने हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि ऐसा तब होता है जब कोई कार्य समाज की भलाई और देश के व्यापक हित के बजाय गलत उद्देश्य के लिए किया जाए। मेरी हमदर्दी उन सभी, विशेषकर बड़ी संख्या में बांग्ला भाषी भाइयों और बहनों के साथ है, जो इस व्यर्थ की प्रक्रिया के कारण पीड़ित हुए हैं। असम में एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया।