अमित शाह और पी चिदंबरम जब संसद परिसर में आए आमने-सामने, इस अंदाज में एक-दूसरे का किया अभिवादन
By विनीत कुमार | Updated: April 5, 2022 11:11 IST2022-04-05T10:54:24+5:302022-04-05T11:11:34+5:30
संसद के जारी बजट सत्र के बीच मंगलवार को संसद भवन परिसर में गृह मंत्री अमित शाह और पी चिदंबरम एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए।

अमित शाह और पी चिदंबरम (फोटो- एएनआई)
नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र इन दिनों चल रहा है। ऐसे में पक्ष और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर जोरदार बहस भी होती नजर आई है। इस बीच मंगलवार को संसद भवन परिसर से एक दिलचस्प तस्वीर भी सामने आई है जब गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम आमने-सामने आ गए।
दोनों ने मुस्कुराते हुए एक-दूसरे को हाथ जोड़कर नमस्ते किया। दरअसल ये कोई अनोखी बात नहीं थी पर संसद भवन परिसर में मौजूद पत्रकारों और फोटोग्राफर्स के लिए ये जरूर कुछ अलग था और वे इस लम्हे को अपने कैमरे में उतारने में कामयाब रहे।
Delhi | Union Home Minister Amit Shah and former Home Minister P Chidambaram greeted each other on their arrival in parliament. pic.twitter.com/px4mmwXHhx
— ANI (@ANI) April 5, 2022
गौरतलब है कि राज्य सभा सांसद चिदंबरम मौजूदा सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना करते रहे हैं। हाल में ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर भी कांग्रेस नेता चिदंबरम ने केंद्र पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ईंधन कर के रूप में 26.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है और लोगों को खुद से यह पूछना चाहिए कि ईंधन कर के रूप में इतनी बड़ी राशि का भुगतान करने के बदले में एक औसत परिवार को क्या मिला।
वित्त मंत्री भी रह चुके चिंदबरम ने कहा था, 'भारत में लगभग 26 करोड़ परिवार हैं। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार ने हर परिवार से औसतन एक लाख रुपये ईंधन कर के रूप में एकत्र किए हैं!' चिदंबरम ने कहा, 'अपने आप से पूछें, ईंधन कर के रूप में इतनी बड़ी राशि का भुगतान करने के बदले में एक औसत परिवार को क्या मिला?'
चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम एयरसेल-मैक्सिस सौदे को लेकर भी विवादों में थे। पिछले ही महीने दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें और उनके बेटे कार्ति को एयरसेल-मैक्सिस सौदे के संबंध में सीबीआई और ईडी द्वारा दायर भ्रष्टाचार और धनशोधन मामलों में नियमित जमानत दे दी थी।
यह मामला एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। इसे 2006 में मंजूरी दी गई थी जब चिदंबरम वित्त मंत्री थे। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया था कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम ने कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर सौदे को मंजूरी दी थी और इससे उन्हें भी फायदा मिला था।