जदयू में जारी तनातनी के बीच पार्टी ने कर्पूरी जयंती पर प्रस्तावित अति पिछड़ा रैली को टाला, मिले ललन और नीतीश
By एस पी सिन्हा | Published: December 24, 2023 03:48 PM2023-12-24T15:48:28+5:302023-12-24T15:50:06+5:30
राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के पद से हटाए जाने की जारी चर्चा के बीच ललन सिंह शनिवार को देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए उनके पटना स्थित आवास पर पहुंच गए।
पटना: बिहार में सत्तारूढ़ पार्टी जदयू में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चलने की चर्चा चल रही है। शायद यही कारण है इ पार्टी की तरफ से 29 दिसंबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय पर्षद की बैठक बुलाई गई है। इस बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के पद से हटाए जाने की जारी चर्चा के बीच ललन सिंह शनिवार को देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए उनके पटना स्थित आवास पर पहुंच गए। इसके बाद दोनों मंत्री विजय चौधरी के आवास पर गए।
विजय चौधरी के आवास पर करीब आधे घंटे तक तीनों नेताओं की बातचीत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद ललन सिंह को छोडने बुद्धा कॉलोनी स्थित आवास गए। उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीएम हाउस के लिए रवाना हो गये। तीनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई यह अभी निकलकर सामने नहीं आ पाया है। लेकिन यह कयास लगाया जा रहा है कि 29 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली बैठक को लेकर बातचीत हुई होगी।
इसी बीच 24 जनवरी को कर्पूरी जयंती पर प्रस्तावित अति पिछड़ा रैली को जदयू स्थगित करने जा रही है। सूत्र बताते हैं कि तीनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद शनिवार की रात ही नेतृत्व ने रैली को स्थगित करने का निर्णय ले लिया है। नेतृत्व की तरफ से दल के नेताओं को इस बारे में जानकारी भी दे दी गई है। बता दें, 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती है। इस मौके पर चुनावी साल में जदयू बड़ी रैली के बहाने अति पिछड़ा वोटरों को लुभाने की तैयारी में थी। रैली को लेकर तैयारी भी शुरू हो गई थी।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने शनिवार को ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ रैली की तैयारी पर बैठक भी की थी। इसी बीच जदयू सूत्र बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रैली को स्थगित करने का निर्णय लिया है। साथ ही कहा गया है कि जिला स्तर पर ही कार्यक्रम करें। हालांकि पार्टी की तरफ से आधिकारिक तौर पर रैली के स्थगित होने की जानकारी नहीं दी गई है।
कर्पूरी जयंती पर आयोजित रैली के लिए पटना के वेटनरी ग्राउंड का चयन किया गया था। बताया जाता है कि इसके लिए मैदान को बुक करा लिया गया था। जदयू की तरफ से दावा किया जा रहा था कि राज्य भर से लगभग 2 लाख अति पिछड़ा समाज के लोग इसमें पहुंचेंगे। लेकिन अब जदयू के द्वारा रैली को स्थगित किए जाने के बाद यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि राजद के द्वारा उसी दिन आयोजित होने वाली अति पिछड़ा सम्मेलन में जदयू के नेता भी शामिल हो सकते हैं।
संभव है कि इसके पहले जदयू और राजद के विलय की घोषणा कर दी जाए। अगर ऐसा होता है तो सम्मेलन को संयुक्त रूप से आयोजित कर अपनी ताकत का एहसास कराने का प्रयास किया जा सकता है।