Amarnath Yatra: 4 दिन और 90000 लोग कर चुके हिमलिंग दर्शन, 5725 तीर्थयात्रियों का छठा जत्था अमरनाथ गुफा के लिए रवाना
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: July 3, 2024 16:58 IST2024-07-03T16:57:12+5:302024-07-03T16:58:00+5:30
Amarnath Yatra: पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और अर्धसैनिक बलों के हजारों सुरक्षाकर्मियों को मार्ग पर तैनात किया गया है।

photo-ani
Amarnath Yatra: अमरनाथ की पवित्र गुफा में बनने वाले हिमलिंग के दर्शन करने वालों का आंकड़ा 90 हजार को पार कर चुका। 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित भगवान भोले हिमलिंग को लेकर उत्साह है। तीर्थयात्रियों को सांस की बीमारी से जूझते देख पेश किए गए स्वास्थ्य प्रमाणपत्र एक बार फिर से शक के घेरे में आ गए हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से अभी तक 90,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ की पवित्र गुफा में पूजा-अर्चना की। 29 जून को बालटाल और नुनवान-पहलगाम के जुड़वां ट्रैक से शुरू हुई थी। मंगलवार शाम तक 22,715 तीर्थयात्रियों ने गुफा में बर्फ के शिवलिंग के दर्शन किए।
यात्रा शुरू होने के बाद से पिछले चार दिनों के दौरान हिमालय की गहराई में 3888 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर में जाने वाले तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 90 हजार को पार कर गई है। अधिकारी ने कहा बताया कि यात्रा के सुचारू संचालन के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और अर्धसैनिक बलों के हजारों सुरक्षाकर्मियों को मार्ग पर तैनात किया गया है।
हवाई निगरानी भी की जा रही है। इस बीच, 5725 तीर्थयात्रियों का छठा जत्था अमरनाथ गुफा तीर्थ यात्रा के लिए जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास बेस कैंप से कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ। बम बम भोले का जयकारा लगाते हुए तीर्थयात्री आज सुबह 238 लोगों के काफिले के साथ बेस कैंप से रवाना हुए। इनमें 4481 पुरुष, 1034 महिलाएं, 25 बच्चे, 173 साधु और 12 साध्वियां शामिल थीं।
इनमें से 2514 तीर्थयात्री सुबह 3.25 बजे बालटाल और 3211 तीर्थयात्री सुबह 3.45 बजे पहलगाम बेस कैंप के लिए रवाना हुए। ये तीर्थयात्री आज शाम तक अपने-अपने बेस कैंप पहुंच जाएंगे, जहां से वे कल सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पवित्र गुफा की ओर रवाना होंगे। तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए बेस कैंप और पवित्र गुफा तक यात्रा क्षेत्र में परोपकारी संगठनों द्वारा 135 से अधिक निःशुल्क लंगर लगाए गए हैं।
52 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ जी यात्रा इस साल 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के पावन अवसर पर संपन्न होगी, जो रक्षाबंधन के त्योहार के साथ भी मेल खाती है। पिछले साल 4.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने गुफा मंदिर में दर्शन किए थे। जानकारी के लिए पवित्र गुफा कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कश्मीरी मुसलमानों ने ऐतिहासिक रूप से अपने हिंदू भाइयों को वार्षिक तीर्थयात्रा करने में आसानी और सुविधा के साथ मदद की है।
वास्तव में, बूटा मलिक नाम के एक मुस्लिम चरवाहे ने 1850 में अमरनाथ गुफा की खोज की थी। बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए लगातार श्रद्धालुओं का आना जारी है। इस बीच सुरक्षाबलों द्वारा जारी की गई तस्वीरें सामने आई है जिसमें जवान श्रद्धालुओं की मदद करते देखे गए हैं। ये जवान करीब 15 तीर्थयात्रियों को ऑक्सिजन मुहैया कराते देखे गए। अधिकारियों के मुताबिक, यात्रा के दौरान 15 तीर्थयात्रियों को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।
इसके बाद जवानों ने उन्हें तत्काल ऑक्सिजन मुहैया कराया और यात्रियों को कैंप में रोक लिया गया। तीर्थयात्रियों को यात्रा के दौरान कोई समस्या न आए इसलिए जिन हजारों जवानों को यात्रा मार्ग में तेनात किया गया है उन्हें इस बार विशेष तौर पर बेसिक पैरा मेडिकल की ट्रेनिंग भी दी गई है। इस तरह की ट्रेनिंग देने का मुख्य उद्देश्य यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मदद करना हैं।



