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क्या अमरनाथ यात्रा पर मडंरा रहा खतरा? हेलिकॉप्टर सेवा रद्द होने पर बढ़ी आशंका

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 18, 2025 08:56 IST

Amarnath Yatra 2025:वे दुख प्रकट करते हुए कहते थे कि पहलगाम नरसंहार से उभरने में कश्मीरियों को दो माह का समय लगा

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Amarnath Yatra 2025: यह पूरी तरह से सच है कि इस बार अमरनाथ यात्रा पर जबरदस्त आतंकी खतरा मंडरा रहा है जिससे निपटने के कदमों के तौर पर पहली बार यात्रा मार्ग पर हेलिकाप्टर सेवा भी निरस्त करने का फैसला लिया गया है। पर इस फैसले ने उन दावों पर पानी फेरना आरंभ किया है जिसमें कहा जा रहा था कि कश्मीर सुरक्षित है।

22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन में पर्यटकों के नरसंहार के उपरांत पर्यटकों की नजर में कश्मीर असुरक्षित हो चला था। नतीजा यह था कि टूरिस्टों ने कश्मीर से पूरी तरह से मुख मोड़ लिया था। अधिकतर पर्यटनस्थल पर्यटकों की पहुंच से दूर कर दिए गए थे जिस कारण आने वाले मुट्ठीभर पर्यटक भी निराश हो रहे थे।

करीब दो महीनों की अथक मेहनत के उपरांत कश्मीर सुरक्षित है का भरोसा दिलाने पर जैसे ही पर्यटकों ने बंद पड़े पर्यटनस्थलों को खोले जाने के फैसले का स्वागत किया था, उसी समय प्रशासन ने एक और असुरक्षा भरा बम फोड़ दिया।

3 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा में दोनों मार्गों को नो फ्लाइंग जोन घोषित करने के साथ ही इस बार हेलिकाप्टर सेवा को भी निरस्त कर दिया। इसके पीछे सरकारी कारण तो कुछ भी नहीं बताया गया पर रक्षा सूत्र कहते थे कि आतंकी इन हेलिकाप्टरों को निशाना बना सकते थे। एक सूत्र का तो दावा था कि आतंकियों के पास कांधे से दागे जाने वाले स्टिंगर मिसाइलों की खेप भी पहुंच चुकी है।

हेलिकाप्टर सेवा को रद्द करने के पीछे कारण कारण जो भी रहे हों पर इस घोषणा से कश्मीर फिर से असुरक्षित स्थानों की श्रेणी में आ गया है। इस फैसले पर हैरानगी और गुस्सा प्रकट करने वालों में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी थे। वे कहते थे कि ऐसा फैसला देशभर में कश्मीर की नकारात्मक तस्वीर पेश करेगा। वे दुख प्रकट करते हुए कहते थे कि पहलगाम नरसंहार से उभरने में कश्मीरियों को दो माह का समय लगा और श्राइन बोर्ड के एक ही फैसले ने उनकी मेहनत पर फिर से पानी फेर दिया।

श्राइन बोर्ड के इस फैसले से अमरनाथ यात्रा में शिरकत करने वाले उन हजारों श्रद्धालुओं मंें भी आक्रोश है जो हेलिकाप्टर से यात्रा करने का सपना संजोए हुए थे। तो कई अमरनाथ यात्रियों को एक बार फिर आशंका होने लगी थी कि क्या वाकई में कश्मीर सुरक्षित है क्योंकि अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा प्रबंधों को लेकर जो हो हल्ला हो रहा है उससे यही साबित होता था कि कोई बड़ा खतरा यात्रा पर मंडरा रहा है।

टॅग्स :अमरनाथ यात्राजम्मू कश्मीरहिन्दू धर्म
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