नई दिल्ली: अडानी मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर कांग्रेस ने अब गौतम अडानी के भाई पर 'चीन के नागरिकों के साथ मिलकर शेल कंपनियां चलाने' का आरोप लगाया है। गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने सरकार से इस मामले की जांच कराने की मांग भी की है।
कांग्रेस ने इसके लिए ट्विटर पर मुहिम छेड़ी हुई है और "दिख रहा है विनोद" नाम से एक सीरीज चलाकर कुछ गंभीर दावे किए हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक पत्र जारी करते हुए दावा किया, "अडानी समूह के चीन के साथ पुराने संबंध है। एक चीनी नागरिक चांग चुंग-लिंग (उर्फ लिंगो-चांग) विनोद अडानी के साथ अडानी समूह की कई कंपनियों में निदेशक रहा है और पनामा पेपर्स में भी उसका नाम आया था। दिसंबर 2017 में दक्षिण कोरिया द्वारा पनामा में पंजीकृत तेल टैंकर 'कोटि' को उत्तर कोरियाई टैंकर में पेट्रोलियम उत्पादों को स्थानांतरित करने के कारण संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिबंधों के उल्लंघन के लिए जब्त कर लिया था।"
जयराम रमेश ने आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया, "अडानी परिवार के साथ चांग चुंग-लिंग के संबंधों की वास्तविकता क्या है? चीन और उत्तर कोरिया की सरकारों का उस समूह पर कितना प्रभाव है, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भारतीय परिसंपत्तियों को नियंत्रित करता है और भारत के प्रधानमंत्री के साथ जिसके घनिष्ठ संबंध है? क्या आप चीन और उत्तर कोरिया के प्रभाव के प्रति संवेदनशील एक व्यापारिक समूह पर अपनी दुस्साहसपूर्ण निर्भरता के कारण अति महत्वपूर्ण भारतीय संपत्तियों की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल रहे हैं?"
जयराम रमेश ने पूछा है कि अडानी समूह के अवैध गतिविधियों में शामिल चीनी नागरिकों के साथ इतने गहरे संदेहास्पद संबंध क्यों हैं? विनोद और गौतम अडाणी के साथ उनका क्या रिश्ता है?
विनोद अडानी को लेकर किए अगले दावे में कांग्रेस ने कहा, "अडानी समूह ने बार-बार दायर अपने दस्तावेजों में विनोद अडानी को साइप्रस की नागरिकता वाले एक एनआरआई के रूप में दर्शाया है। फिर भी दुबई में संपत्ति के रिकॉर्ड कथित तौर पर यह दिखाते हैं कि विनोद अडानी के पास भारतीय पासपोर्ट है, जिसकी वैधता 2026 तक है।"
इस तथ्य को सामने रखते हुए जयराम नरेश ने सवाल किया, "इस तथ्य को समझते हुए कि भारत में दोहरी नागरिकता मान्य नहीं है, विनोद अडानी के पास भारतीय पासपोर्ट होना कैसे संभव है? क्या सरकार को चीनी नागरिकों की मिलीभगत से मनी-लॉन्ड्रिंग और शेल कंपनियों के संचालन के आरोपी व्यक्ति की जांच नहीं करनी चाहिए?"