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कर्नाटक हिजाब मामला: मु्स्लिम पर्सलन लॉ बोर्ड ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, कहा- मुस्लिम लड़कियों के साथ भेदभाव होगा

By विशाल कुमार | Updated: March 28, 2022 12:34 IST

15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट की एक पूर्ण पीठ ने उडुपी में प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में पढ़ रही मुस्लिम लड़कियों द्वारा कक्षाओं में हिजाब पहनने के अधिकार की मांग करने वाली याचिकाओं के एक बैच को खारिज कर दिया था।

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ठळक मुद्देकर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट हिजाब पहनने के अधिकार की मांग करने वाली याचिकाओं के एक बैच को खारिज कर दिया था।

नई दिल्ली: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

हाईकोर्ट के फैसले को गलत बताते हुए बोर्ड ने अपनी याचिका में कहा कि इस कदम से आम तौर पर मुसलमानों और विशेष रूप से मुस्लिम लड़कियों के साथ भेदभाव होगा, जिन्हें उनके शिक्षा के अधिकार से भी वंचित किया जाएगा।

हिजाब के बारे में बोलते हुए याचिका में कहा गया है कि हनफी, मलिकी, शफई और हंबली जैसे सभी विचारधाराओं के धार्मिक विद्वानों के बीच आम सहमति है कि यह 'वाजिब' (अनिवार्य) है कि यह दायित्वों का एक सेट है और ऐसा नहीं करने पर वह पाप करेगा या पापी बन जाएगा।

15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट की एक पूर्ण पीठ ने उडुपी में प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में पढ़ रही मुस्लिम लड़कियों द्वारा कक्षाओं में हिजाब पहनने के अधिकार की मांग करने वाली याचिकाओं के एक बैच को खारिज कर दिया था।

हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि हिजाब पहनना इस्लामी विश्वास में एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धर्म की स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया था।

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