पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण का चुनाव प्रचार रविवार को समाप्त होने के बाद नेताओं ने व्यक्तिगत संपर्क और सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता बढ़ा दी थी। जनता को अपनी प्राथमिकताएं बताने के साथ विपक्ष पर जोरदार हमले करते हुए अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं। अंतिम और दूसरे चरण की 122 सीटों पर मंगलवार को कुल 1302 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 3 करोड़ 70 लाख 13 हजार 556 मतदाता ईवीएम में कैद कर देगी। पहले चरण की 121 सीटों पर 65.8 फीसदी मतदाताओं ने अपना वोट डाला है। आजादी के बाद पहली बार मतदाताओं में इस कदर का जोश देखने को मिला। बंपर मतदान से चुनाव आयोग काफी खुश है तो वहीं सियासी जानकार इसके मायने तलाशने में जुटे हैं। किसी को इसमें बदलाव की झलक दिख रही है तो कोई सत्तापक्ष के लिए खुशखबरी बता रहा है।
वहीं, पहले चरण का मतदान पूरा होने के बाद अब शहर से लेकर गांवों में जीत-हार की चर्चाएं तेज हो गई हैं। मतदान के बाद गांव की गलियों एवं चौक-चौराहों के अलावा बाजार की चाय-पान की दुकानों पर जीत-हार के गणित सुलझाये जा रहे हैं। इसको लेकर विभिन्न समर्थकों द्वारा अपनी-अपनी पार्टी एवं प्रत्याशियों के पक्ष में जीत सुनिश्चित होने की भी चर्चा हो रही है। अहले सुबह लोग चाय-पान की दुकानों पर पहुंचते हैं और चाय की चुस्की के साथ चुनावी चर्चा शुरू हो जाती है. आधा घंटे के अंदर दर्जनों लोग पहुंच जाते हैं और अपनी-अपनी राय देने से नहीं चूकते। चाय-पान की दुकानों पर ही समर्थकों के गणित के अनुसार सरकार बन जाती है। वहीं गांव की गलियों एवं चौक-चौराहों पर भी युवाओं और बुजुर्गों के साथ अपने-अपने प्रत्याशियों के पक्ष में जीत को लेकर गणित की चर्चा हो रही है।
उधर, सियासी जानकारों की मानें तो इस बार के चुनाव में मुकाबला सिर्फ पारंपरिक दलों के बीच नहीं, बल्कि कई फैक्टरों के बीच भी है। पूरा चुनाव ’एम' और ’एन' फैक्टर के इर्द-गिर्द घूम रहा है। हालांकि, 'पीके' फैक्टर को भी नजर अंदाज करना आसान नहीं है। 'एम' का मतलब- महिला और मुसलमान है, तो ’एन' का अर्थ नीतीश कुमार और नौकरी। 'पी' फैक्टर का संबंध प्रशांत किशोर से है। एनडीए और महागठबंधन दोनों खेमों में ’एम' और ’एन' की चर्चा हो रही है। एनडीए के लिए 'एम' (महिलाओं) और 'एन' (नीतीश कुमार) के सुशासन पर पूरा भरोसा है तो महागठबंधन खेमे से सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव को भी 'एम' (मुसलमानों) और 'एन' (नौकरी) से काफी उम्मीद है। दूसरी ओर 'पीके' यानी प्रशांत किशोर फैक्टर किसी भी गठबंधन की लुटिया डुबोने सकता है। उपचुनाव में महागठबंधन इसका भुक्तभोगी रह चुका है।
सियासी जानकारों के अनुसार नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में सबसे अनुभवी चेहरों में से एक हैं। हालांकि हाल के वर्षों में उनकी लोकप्रियता में गिरावट आई है, लेकिन उन्हें जब भी कमजोर समझा गया वे और ताकतवर बनकर उभरे हैं। पिछले साल के लोकसभा चुनाव में इस बात को सभी ने देखा है। 20 वर्षों तक सरकार चलाने के बाद भी उनके ऊपर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है। साथ ही उन्होंने आज भी परिवारवाद से खुद को दूर रखा है, बिहार की सियासत में यह काफी बड़ी बात है। महिलाओं को एनडीए का साइलेंट वोटर माना जाता है। पिछली बार महिला मतदाताओं के कारण ही एनडीए की सत्ता बरकरार रही थी। दूसरी ओर बिहार का मुसलमान हमेशा की तरह इस बार राजद के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है। तेजस्वी का 'हर घर सरकारी नौकरी' वाला वादा युवाओं को काफी आकर्षित कर रहा है। अब 14 तारीख को ही स्पष्ट होगा कि एनडीए और महागठबंधन में से किसका 'एम' और 'एन' फैक्टर हावी रहता है।
दूसरे चरण में राजद, भाजपा, जदयू, कांग्रेस, वीआईपी, लोजपा आर और हम पार्टी से 31 उम्मीदवार 40 साल और इसके नीचे की आयु के हैं। कांग्रेस के बथनाहा से प्रत्याशी नवीन कुमार की आयु मात्र 25 वर्ष है। जबकि अतरी से हम के उम्मीदवार रोमित कुमार 37, बेलसंड से लोजपा आर के उम्मीदवार अमित कुमार 34 और कसबा से लोजपा(रा) के उम्मीदवार नीतेश कुमार सिंह की आयु भी 39 वर्ष ही है। इन उम्मीदवारों का अधिकतर जगहों पर 50 से अधिक उम्र के प्रत्याशियों से टक्कर है। वहीं, राजद के 11, जदयू के छह और कांग्रेस के पांच प्रत्याशियों की उम्र 40 वर्ष के नीचे है। इसके अलावा भाजपा और वीआईपी के तीन-तीन तथा लोजपा आर के दो प्रत्याशियों की आयु भी 40 वर्ष के अंदर ही है। हम का भी एक प्रत्याशी 40 वर्ष से नीचे का है।
जदयू के चेतन और ऋतुराज कम उम्र के प्रत्याशी हैं। अमरपुर से जयंत राज- 40, बाबूबरही से मीना कुमारी -36, घोसी से ऋतुराज कुमार- 36, सिकटा से समृद्ध वर्मा- 37, हरलाखी से सुधांशु शेखर- 37 और नबीनगर से चेतन आनंद की उम्र 33 वर्ष है। वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवारों में बगहा से जयेश मंगलम सिंह -38, चनपटिया से अभिषेक रंजन -34, फारबिसगंज से मनोज विश्वास-38, नरकटियागंज से शाश्वत केदार- 37, और बथनाहा से नवीन कुमार की उम्र 25 वर्ष है।
राजद में बाराचट्टी से तनुश्री कुमारी- 26, बेलागंज से विश्वनाथ कुमार सिंह- 37, बेलहर से चाणक्य प्रकाश रंजन- 30, बिस्फी से आसिफ अहमद -34, ढाका से फैसल रहमान- 40, गोह से अमरेंद्र कुमार- 39, मोतिहारी से देवागुप्ता- 35, रानीगंज से अविनाश मंगलम- 38, रून्नी सैदपुर से चंदन कुमार-30, त्रिवेणीगंज से संतोष कुमार-39, और रजौली से पिंकी भारती की उम्र 35 वर्ष है। भाजपा उम्मीदवारों में बथनाहा से अनिल कुमार- 38, कटोरिया से पूरण लाल टुडू- 37 और राजनगर से सुजीत कुमार की उम्र 30 वर्ष है।
जबकि वीआईपी के तीन प्रत्याशी 40 वर्ष से कम उम्र के हैं। इसमें कटिहार से सौरव कुमार अग्रवाल- 39, केसरिया से वरुण विजय -38 और बिहपुर से अपर्णा कुमारी की उम्र 38 वर्ष है।