सर्दी का सितम जारी, अटारी वाघा बॉर्डर पर सतर्क हुए बीएसएफ के बहादुर जवान
By एएनआई | Published: December 31, 2019 02:41 PM2019-12-31T14:41:04+5:302019-12-31T14:44:59+5:30
भीषण ठंड में सीमाओं की रखवाली कर रहे बीएसएफ जवानों ने कहा है कि कर्तव्य हमारा एक मात्र धर्म है.
भीषण सर्दी के कहर के बावजूद सीमा सुरक्षा बल (BSF) के बहादुर जवान सतर्कतापूर्वक अटारी वाघा बॉर्डर पर अपने कर्तव्य का निर्वहन जिम्मेदारी पूर्वक कर रहे हैं। बीएसएफ पुलिस महानिरीक्षक भूपेन्द्र सिंह ने कहा, "बीएसएफ सीमा की सुरक्षा करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी फोर्स है। हम उन चुनौतियों का सामना करने के लिए पूर्व से योजना बनाते हैं जिसका हमने कभी न कभी सामना किया होता है। घने कोहरे के दौरान, हम अपनी गश्त बढ़ाते हैं और सीमा पर चलने वाले रास्ते को और अधिक सख्त बना दिया जाता है। हमारी सेना अपने कर्तव्य को अपना एकमात्र धर्म मानती है। वास्तव में हम मौसम के परिवर्तन से नहीं प्रभावित होते हैं।"
एक अन्य उप-निरीक्षक ने बताया कि किस तरह सुरक्षाकर्मी चौबीसों घंटे सीमा की निगरानी करते हैं और मौसम में परिवर्तन के बावजूद सतर्क रहते हैं। उप-निरीक्षक नितिका मलिक ने कहा, "हमारे जवान गर्मी, सर्दी या बरसात के मौसम पर ध्यान नहीं देते , यह सीमा पर 24/7 सतर्क रहते हैं। जब घना कोहरा है तो हमें अत्यधिक सतर्क रहने के साथ-साथ अतिरिक्त पेट्रॉलिंग की आवश्यकता होती है। यहां दृश्यता का स्तर लगभग शून्य है और ऐसी स्थिति में, हम अपने सह-अधिकारी की ड्यूटी पर निगरानी करने के लिए सीटी का उपयोग करते हैं। दृश्यता में कमी और अप्रत्याशित मौसम की स्थिति होने के कारण इस क्षेत्र में कोहरे की मोटी परत बनी हुई है, जिससे यह सैनिकों के लिए चुनौतीपूर्ण है।" निर्मल कौर, एक अन्य सुरक्षाकर्मी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि अधिकारियों को गर्म कोट और खुद को फिट और सतर्क रखने की आवश्यकता होती है।