नई दिल्ली: राजस्थान से कांग्रेस राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने अखिलेश यादव के बयान पर कहा कि राहुल गांधी ने सबसे पहले जाति गणना की बात कही थी। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी पार्टी के कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बोल चुके हैं कि यह गणना अब तक क्यों नहीं हुआ। इसके साथ ही प्रमोद तिवारी ने अखिलेश के दिए बयान पर सहमति जताई है।
कांग्रेस नेता ने कहा, जब बजट बनता है तो लोगों के किसी भी समूह को नहीं छोड़ा जाना चाहिए। इसलिए सरकार को ही नहीं, देश को भी लोगों के सभी समुदायों की सही संख्या और उनकी समस्याओं का पता होना चाहिए। फिलहाल, प्रमोद तिवारी ने कहा कि जातीय जनगणना देश की जरूरत है।
आज अखिलेश यादव ने कांग्रेस को लेकर आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि यह वही कांग्रेस पार्टी है जिसने जाति जनगणना के आंकड़े अभी तक नहीं दिये। जाति जनगणनता एक चमत्कार है क्योंकि अब हर कोई जानता है कि, जब तक आपको पिछड़ी जातियों का समर्थन नहीं मिलेगा तब तक आप सफल नहीं होंगे। यहीं नहीं रुके अखिलेश यादव ने कहा, कांग्रेस पार्टी को अब पता चल गया है कि जिस वोट की उनको तलाश थी वह अब उनके साथ नहीं है।
दोनों पार्टी के बीच विवाद तब छिड़ गया जब मध्य प्रदेश की विधानसभा सीटों को लेकर दोनों में बात नहीं बनी। क्योंकि समाजवादी पार्टी ने चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले ही अपने कैंडिडेट का ऐलान कर दिया था। इसे देखते हुए कांग्रेस ने अखिलेश यादव से सीट शेयरिंग को लेकर कोई बात नहीं की। फिर, क्या था अखिलेश यादव ने पलटवार कर दिया और कांग्रेस को घेरा कि उन्हें सीटों को लेकर उचित तरीके से फॉर्मूला लागू नहीं किया।
इसके बाद इस बात पर विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पार्टियों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई। इसके बाद ही अखिलेश यादव ने कांग्रेस पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष को चिरकुट कह दिया और फिर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने भी कहा, जो भी अखिलेश यादव को कहना है वो मुझे कह सकते हैं। लेकिन, अगर भाजपा को हराना है तो दोनों पार्टी को साथ आना ही होगा।