लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने जमकर आक्रोश दिखाया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव सहित पार्टी के अन्य नेताओं राज्य सरकार के खिलाफ पार्टी कार्यालय से राज्य विधानसभा तक मार्च निकाला और विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान सपा कार्यकर्ता योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते नजर आये।
सपा के इस विरोध प्रदर्शन को लेकर पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "प्रदेश में सड़कों की हालत खस्ता है। किसानों को कोई मुआवजा नहीं है। कुछ इलाकों में बाढ़ और कुछ इलाकों में सूखा पड़ा है। लम्पी वायरस से गायों की मौत हो रही है। महंगाई बढ़ रही है और सरकार की ओर से लोगों को कोई मदद नहीं मिल रही है। कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है। बेरोजगारी बढ़ रही है। आखिर इन प्रश्नों पर सरकार हमारा सामना क्यों नहीं करना चाहती है।"
यूपी के सबसे बड़े विपक्षी दल सपा ने अपने विरोध मार्च को पार्टी मुख्यालय से यूपी विधानसभा तक ले जाने की कोशिश की लेकिन रास्ते में ही लखनऊ पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देते हुए उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। जिसके बाद सपा कार्यकर्ता और भी आक्रोशित हो गये और योगी सरकार के साथ-साथ लखनऊ पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी नारेबाजी करने लगे।
सपा ने आरोप लगाया कि मौजूद योगी सरकार विपक्षी दल को लोकतांत्रिक तरीके से धरना मार्च करने की भी इजाजत नहीं दे रही है। बताया जा रहा है कि सपा विधायकों ने 14 से 18 सितंबर तक लखनऊ विधान भवन में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत मांगी थी लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से उन्हें इजाजत देने से इनकार कर दिया था। जिसके विरोध में सपा ने यूपी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए पार्टी मुख्यालय से विधान भवन तक पैदल मार्च निकालने का ऐलान किया था।
मालूम हो कि बीते कुछ दिनों से समाजवादी पार्टी योगी सरकार के खिलाफ काफी आक्रामक भूमिका है। प्रदेश में खोया हुए जनाधार को फिर से पाने की कवायद में अखिलेश यादव लगातार प्रदेश का दौरा कर रहे हैं और लोगों से सीधा संवाद कर रहे हैं। वहीं प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार अखिलेश यादव की पूर्व सरकार में रहे भ्रष्टाचार और कथित अराजकता के मामले में उन्हें लगातार घेरती रह रही है।