शरद पवार ने दी NCP विधायकों को चेतावनी, बीजेपी का समर्थन करने वाले विधायकों को पता होना चाहिए कि दल बदल विरोधी कानून लागू होगा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 23, 2019 01:22 PM2019-11-23T13:22:23+5:302019-11-23T13:22:23+5:30

शरद पवार ने कहा, अजीत पवार पर कार्रवाई के बारे में पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।

Ajit Pawar's decision to side with BJP his own, not that of NCP: Sharad Pawar | शरद पवार ने दी NCP विधायकों को चेतावनी, बीजेपी का समर्थन करने वाले विधायकों को पता होना चाहिए कि दल बदल विरोधी कानून लागू होगा

महाराष्ट्र में एनसीपी के 54 विधायक हैं.

Highlightsअजीत पवार का फैसला पार्टी लाइन के खिलाफ, अनुशासन तोड़ने वाला है-एनसीपीNCP का कोई भी कार्यकर्ता एनसीपी-बीजेपी की सरकार के समर्थन में नहीं हैः शरद पवार

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अजीत पवार का फैसला पार्टी लाइन के खिलाफ, अनुशासन तोड़ने वाला है। एनसीपी का कोई भी कार्यकर्ता एनसीपी-बीजेपी की सरकार के समर्थन में नहीं है। हमारी पार्टी बीजेपी के सख्त खिलाफ है। 

शरद पवार ने एनसीपी विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा कि , बीजेपी का समर्थन करने वाले विधायकों को पता होना चाहिए कि दल बदल विरोधी कानून लागू होगा। पवार ने कहा, मुझे कुछ लोगों ने सुबह बताया कि हमें यहां लाया गया है, वे शायद राजभवन की बात कर रहे थे। एनसीपी का कोई भी कार्यकर्ता अजीत पवार के साथ नहीं जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार अपने साथ कुछ एनसीपी विधायकों को भी लेकर आए थे। ये विधायक शरद पवार के साथ होने की बात कह रहे हैं।

शरद पवार ने कहा, अजीत पवार पर कार्रवाई के बारे में पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा, सदन में वो (फड़नवीस और अजीत पवार) बहुमत पेश नहीं कर पाएंगे, हम फिर से सरकार बनाने का प्रयास करेंगे। सरकार का नेतृत्व शिवसेना के पास हो ऐसा हमारा प्रयास होगा। बहुमत साबित होने तक हम साथ रहेंगे।

मुंबई में राकांपा विधायकों के साथ बैठक करेंगे शरद पवार

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने भतीजे और विधायक दल के नेता अजीत पवार के महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिलाने के मद्देनजर शाम को साढ़े चार बजे यहां अपनी पार्टी के विधायकों की बैठक बुलायी है। अजीत पवार ने शनिवार को सुबह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपनी पार्टी को हैरत में डाल दिया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फड़नवीस ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने पिछले महीने राज्य के विधानसभा चुनाव में 54 सीटें जीती थी। बारामती निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले अजित पवार ने 1.65 लाख मतों के रिकॉर्ड अंतर से चुनाव जीता था। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि राकांपा के कितने विधायक अजित पवार के साथ हैं। पार्टी के एक नेता ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, ‘‘पवार साहेब ने इन घटनाक्रमों के मद्देनजर शाम साढ़े चार बजे एक बैठक बुलाई है। अभी तक किसी भी राकांपा विधायक के अजीत पवार के साथ होने का मालूम नहीं है।’’ 

शु्क्रवार रात तक राकांपा राज्य में शिवसेना और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश कर रही थी। इस बीच, राकांपा नेता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि अजीत पवार ने पार्टी के विधायकों के हस्ताक्षरों का दुरुपयोग किया जिसके आधार पर नयी सरकार बनी। उन्होंने दावा किया कि यह सरकार विधानसभा में शक्ति परीक्षण में पास नहीं होगी। 

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना का गठबंधन बना रहे।’’ इस बीच, राकांपा सांसद सुप्रिया सुले के व्हाट्सएप स्टेटस में लगा है - ‘‘परिवार और पार्टी बंट गई।’’ हालांकि उन्होंने इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘तीनों पार्टियों के आधिकारिक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के बाद मैं बोलूंगी।’’ सुले के

Web Title: Ajit Pawar's decision to side with BJP his own, not that of NCP: Sharad Pawar

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