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वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने कहा, "अग्निपथ योजना एयरफोर्स के लिए फायदेमंद, भविष्य को देखते हुए सही फैसला है"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 10, 2022 18:50 IST

अग्निपथ योजना पर बात करते हुए वायु सेना प्रमुख ने कहा कि इसके लिए कुल 13 टीमें बनाई गई हैं, जो चार साल की नियुक्ति के लिए आने वाले एयरफोर्स के जवानों के नामांकन, मूल्यांकन और प्रशिक्षण का विशेष ध्यान रखेंगी।

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ठळक मुद्दे'अग्निपथ' की नई भर्ती मॉडल से एयरफोर्स की क्षमता पर कोई असर नहीं होगाअग्निपथ' योजना एयरफोर्स के लिए सर्वश्रेष्ठ सैन्यशक्ति साबित होगी

दिल्ली: एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रविवार को कहा कि 'अग्निपथ' योजना भारतीय वायु सेना के लिए भविष्य में "छोटे और घातक" बल के साथ सर्वश्रेष्ठ सैन्यशक्ति साबित होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नई भर्ती मॉडल से एयरफोर्स की क्षमता पर भी कोई असर नहीं होगा।

वायु सेना प्रमुख ने कहा कि इसके लिए कुल 13 टीमें बनाई गई हैं, जो चार साल की नियुक्ति के लिए आने वाले एयरफोर्स के जवानों के नामांकन, मूल्यांकन और प्रशिक्षण का विशेष ध्यान रखेंगी।

एयर चीफ मार्शल चौधरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि इस योजना में प्रशिक्षित सैनिकों को किसी तरह की पेंशन या अन्य सुविधाएं नहीं मिलेगी लेकिन उनके लिए आकस्मिक निधि की व्यवस्था जरूर की गई है।

उन्होंने कहा, "अग्निपथ योजना भारतीय वायुसेना की मानक क्षमताओं के अनुरूप अभियानों को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी। इसे लागू करने के लिए लगभग एक दशक से सेना के मानव संसाधन नीतियों और संगठनात्मक संरचनाओं की समीक्षा की जा रही थी।"

इस नई योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके तहत भारतीय वायुसेना में लगभग 3000 पदों के लिए लगभग 7,50,000 उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया है। वायु सेना प्रमुख ने कहा, "यह योजना भारतीय वायु सेना के "सर्वश्रेष्ठ मानव संसाधन के साथ-साथ एक छोटी और घातक सुरक्षा बल को तैयार करने में सहायक साबित होगी क्योंकि हम पूरे विश्वास और दृढ़ता से मानते हैं कि मशीन के पीछे पुरुष और महिलाएं सभी फर्क करते हैं।"

उन्होंने कहा, "विकसित होती युद्ध तकनीक के साथ एक वायु योद्धा की बुनियादी आवश्यकताओं में भी गुणात्मक बदलाव आया है। हमें लगता है कि आज के युवा कौशल के साथ-साथ प्रौद्योगिकी के साथ-साथ कौशल का एक बहुत ही आवश्यक पहली लेकर वायुसेना में आते हैं।"

उन्होंने कहा, "अग्निवीरों की चयन की प्रक्रिया जारी है। हमने चार साल की अवधि के भीतर अग्निवीरों के नामांकन, प्रशिक्षण, मूल्यांकन और प्रशिक्षण के लिए 13 टीमों का गठन किया है।"

वायुसेना प्रमुख ने कहा, "नई योजना से एयरफोर्स की क्षमता पर कोई असर नहीं होगा बल्कि वास्तव में यह सशस्त्र बलों में भर्ती होने के लिए युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करने और राष्ट्र की सेवा करने के इच्छुक युवाओं के जोड़ने के लिए ब्रिज की तरह काम करेगा।"

उन्होंने कहा, "यह योजना युवाओं को अनुभव के साथ मिलाकर हमारे बलों को संतुलन प्रदान करेगी और भारतीय वायुसेना को अपने सभी राष्ट्रीय सुरक्षा को पूरा करने में सक्षम बनाएगी।"

मालूम हो कि बीते 14 जून को केंद्रीय रक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित इस योजना में केवल चार साल के लिए 17 और 21 वर्ष की आयु वर्ग के बीच के युवाओं की भर्ती करना था, जिसमें से 25 फीसदी 15 वर्षों के लिए रखना था, जबकि 75 फीसदी को चार साल के बाद रिटायर कर देना था।

लेकिन देश में इस योजना के खिलाफ उभरे असंतोष को शांत करने के लिए केंद्र सरकार ने साल 2022 के अग्निपथ योजना के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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