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Article 370: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर CPM नेता तारिगामी को एम्स में भर्ती कराया गया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 9, 2019 10:47 IST

सुप्रीम कोर्ट ने  गुरुवार को बीमार माकपा नेता मोहम्म्द यूसुफ तारिगामी को श्रीनगर से अविलंब दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। 

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ठळक मुद्देसीपीएम नेता सीताराम येचुरी की याचिका पर 16 सितंबर को सुनवाई होगी.माकपा नेता तारिगामी श्रीनगर में अपने घर में नजरबंद थे।

सुप्रीम कोर्ट  के आदेश पर माकपा नेता एम वाई तारिगामी को नयी दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली लाते समय एक डॉक्टर, एक रिश्तेदार और एक पुलिस अधिकारी भी उनके साथ थे। यहां पहुंचते ही उन्हें तुरन्त एम्स ले जाया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने  गुरुवार को बीमार माकपा नेता मोहम्म्द यूसुफ तारिगामी को श्रीनगर से अविलंब दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। 

तारिगामी श्रीनगर में अपने घर में नजरबंद थे। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि श्रीनगर स्थित शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सकों के बीच परामर्श के बाद ही तारिगामी को स्थानांतरित किया जायेगा। 

पीठ ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी की याचिका पर केन्द्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस भी जारी किये। येचुरी ने याचिका में कहा है कि तारिगामी को नजरबंद करने का कोई आदेश नहीं था। 

पीठ ने इस याचिका पर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। इस मामले में अब 16 सितंबर को आगे सुनवाई होगी। 

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘इस न्यायालय के 28 अगस्त के आदेश के अनुरूप याचिकाकर्ता (येचुरी) द्वारा पेश रिपोर्ट के अवलोकन करने के बाद हमारी राय है कि मोहम्मद युसूफ तारिगामी को दिल्ली स्थित एम्स में स्थानांतरित करने के लिये तत्काल कदम उठाये जाने चाहिए।’’ 

पीठ ने कहा, ‘‘तारिगामी की यात्रा और समय के बारे में राज्य सरकार शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान, श्रीनगर के चिकित्सकों की सलाह से निर्णय करेगी। हमें तारिगामी को एम्स स्थानांतरित करने के लिये इस बात पर जोर देने की आवश्यकता नहीं है कि यह संबंधित प्राधिकारी तत्काल करेंगे। उन्हें अपने परिवार के अपनी पसंद के एक सदस्य को साथ ले जाने की अनुमति होगी।’’ 

येचुरी ने पीठ से कहा कि माकपा के पूर्व विधायक को बेहतर इलाज के लिए एम्स में स्थानांतरित किये जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। 

उन्होंने कहा, ‘‘हम बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में पूर्व विधायक की नजरबंदी को चुनौती देने के अपने अधिकार को सुरक्षित रखते हैं।’’ 

शीर्ष अदालत ने इससे पहले येचुरी को अपने अस्वस्थ सहयोगी तारिगामी से मिलने के लिये जम्मू कश्मीर जाने की अनुमति देते हुये उन्हें पूर्व विधायक के स्वास्थ के बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। 

येचुरी ने हलफनामे में तारिगामी की सेहत का जिक्र करने के साथ ही अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान खत्म करने के बाद जम्मू कश्मीर में उठ रहे कई दूसरे मुद्दों का भी जिक्र किया है। 

न्यायालय ने कहा कि केन्द्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन का जवाब मिलने के बाद इन सभी मुद्दों पर 16 सितंबर को विचार किया जायेगा। 

इससे पहले न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि येचुरी को सिर्फ अपने बीमार पार्टी सहयोगी से मुलाकात के लिये जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत दी जा रही है। 

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