लाइव न्यूज़ :

'कोरोनो वायरस महामारी के चलते कई क्षेत्रों हुए प्रभावित, लेकिन कृषि क्षेत्र के 2020-21 में 2.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना' 

By भाषा | Updated: June 5, 2020 05:35 IST

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने 14 खरीफ फसलों के लिए एमएसपी बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिससे किसानों को उनके उत्पादन लागत पर 50-83 प्रतिशत लाभ मिलने का आश्वासन दिया गया है।

Open in App
ठळक मुद्देकोरोनो वायरस महामारी से कई क्षेत्रों को प्रभावित हुए हैं लेकिन कृषि का क्षेत्र एकमात्र सकारात्त्मक संकेत देने वाला क्षेत्र बना हुआ है। कृषि में वर्ष 2020-21 के दौरान 2.5 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है।

मुंबई: कोरोनो वायरस महामारी से कई क्षेत्रों को प्रभावित हुए हैं लेकिन कृषि का क्षेत्र एकमात्र सकारात्त्मक संकेत देने वाला क्षेत्र बना हुआ है। कृषि में वर्ष 2020-21 के दौरान 2.5 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। क्रिसिल रिसर्च की रिपोर्ट में हालांकि जोखिमों को सूचीबद्ध किया गया है जैसे कि टिड्डियों के हमले की संभावना और बागवानी उत्पादों पर लॉकडाउन का प्रभाव। 

महामारी और उसके बाद लॉकडाउन के कारण, खाद्यान्नों की तुलना में बागवानी उपज की मांग अधिक प्रभावित होने की संभावना है। खाद्यान्नों के लिए, सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और खरीद का समर्थन है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने 14 खरीफ फसलों के लिए एमएसपी बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिससे किसानों को उनके उत्पादन लागत पर 50-83 प्रतिशत लाभ मिलने का आश्वासन दिया गया है। बागवानी उत्पादन जल्दी खराब होने वाले होते है। मंडियों में इनकी आवक में भारी कमी होने के बावजूद अप्रैल में इनके थोक कीमतों में गिरावट आई। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि कई बागवानी उत्पादों की खड़ी फसलें, बिक्री की समस्या के कारण जिनकी कटाई नहीं की गई, उन पर टिड्डियों के हमले हुए। इसी तरह, धार्मिक स्थल बंद होने तथा शादी समारोह आदि को टाले जाने के कारण फूलों की मांग कम हो गई। इस क्षेत्र में दो-तिहाई हिस्सेदारी के साथ पशुधन, दूध का सबसे बड़ा योगदान है, इसके बाद मांस और अंडे का बहुत छोटा हिस्सा है। 

सौभाग्य से, लॉकडाउन के बावजूद घरेलू खंड में दूध की खपत काफी हद तक स्थिर रही है। होटल और रेस्तरां क्षेत्रों से मांग, जो कुल दूध की खपत में 15-20 प्रतिशत का योगदान करती है, एकदम लड़खड़ा गई है, लेकिन उम्मीद है कि लॉकडाउन हटाने के बाद धीरे-धीरे इसमें सुधार होगा। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्तवर्ष में कृषि और संबद्ध गतिविधियों में वृद्धि, सामान्य मानसून रहने के साथ खाद्यान्नों की भारी पैदावार पर टिका है। जल्दी खराब होने के गुण के कारण बागवानी फसलों को कुछ नुकसान की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

पशुधन क बड़ा हि उत्पादों में दूध उत्पादन के मामले में अच्छा प्रदर्शन रहने की उम्मीद है, पर मांस, अंडे, मछली पकड़ने और जलीय कृषि के लंबे समय तक प्रभावित रहने की संभावना है, क्योंकि महामारी के दौरान मांसाहारी भोजन की खपत कम करने की सहज प्रवृत्ति होती है। इसमें कहा गया है कि कुल मिलाकर कृषि की वृद्धि दर में तेजी बनी रह सकती है। 

टॅग्स :कोरोना वायरसकोरोना वायरस इंडियासीओवीआईडी-19 इंडिया
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत