उप्र विधानसभा चुनाव की मजबूरी के चलते वापस ले लिए गए कृषि कानून: अखिलेश

By भाषा | Updated: December 14, 2021 17:53 IST2021-12-14T17:53:40+5:302021-12-14T17:53:40+5:30

Agriculture laws withdrawn due to compulsion of UP assembly elections: Akhilesh | उप्र विधानसभा चुनाव की मजबूरी के चलते वापस ले लिए गए कृषि कानून: अखिलेश

उप्र विधानसभा चुनाव की मजबूरी के चलते वापस ले लिए गए कृषि कानून: अखिलेश

जौनपुर (उप्र), 14 दिसंबर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की मजबूरी के कारण तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लिया गया, क्‍योंकि नाराज किसान भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ खड़े होने की तैयारी कर रहे थे।

समाजवादी विजय यात्रा लेकर निकले सपा प्रमुख यादव ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के भाजपा के चुनावी वादे के विपरीत उनकी कमाई वास्तव में आधी हो गई है जबकि मुद्रास्फीति दोगुनी हो गई है। अखिलेश ने कहा कि अगर किसानों ने कोविड महामारी के दौरान अपने खेतों में काम नहीं किया होता तो अर्थव्यवस्था चरमरा जाती।

उन्होंने आरोप लगाया कि तीन कृषि कानून लाकर किसानों का अपमान किया गया और विरोध के दौरान 700 से अधिक किसानों की जान गई। आज, उन्हें (भाजपा) आगामी यूपी विधानसभा चुनावों की मजबूरी के कारण तीन कानूनों को वापस लेना पड़ा।’’

यादव ने कहा, "जनता का गुस्सा साफ नजर आ रहा था, चुनाव में किसान उनके खिलाफ खड़े हो जाते और इन्हीं कारणों से कृषि कानून वापस ले लिया गया।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गयी एक घोषणा के बाद केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया है, जिन्होंने कृषि सुधार कानूनों के बारे में किसानों के एक वर्ग को समझाने में विफल रहने के लिए माफी भी मांगी थी।

उन्होंने कहा कि "भाजपा ने अपने संकल्प पत्र (2017 उप्र विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र) में किसानों की आय को दोगुना करने का पहला वादा किया था लेकिन आज ज्यादातर लोगों की आय आधी हो गई है, जबकि महंगाई दोगुनी हो गई है। यादव ने सवाल उठाया कि समृद्धि कैसे आएगी, क्या किसान उर्वरक और यूरिया प्राप्त करने में सक्षम हैं?’’

बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए यादव ने अध्‍यापक पात्रता परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने और परीक्षा रद्द किये जाने पर सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि ''यह डबल इंजन सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है. यह डबल इंजन आपस में टकरा रहा है।''

कानून-व्यवस्था पर सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि लखीमपुर में लोगों को जीप से कुचल दिया गया, क्‍या किसान लखीमपुर खीरी का कांड भूल जाएंगे। क्‍या महिलाएं हाथरस की घटनाएं भूल जाएंगी। लाल टोपी पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि "भाजपा लाल रंग को नहीं समझ सकती, क्योंकि लाल रंग भावनाओं का रंग है। जब आप क्रोधित होते हैं, तो आपका चेहरा और कान लाल हो जाते हैं। हमारा खून लाल है। शादी के दौरान जोड़े जो कपड़े पहनते हैं वे भी लाल होते हैं। सिंदूर भी लाल रंग का होता है।''

प्रधानमंत्री ने हाल ही में सपा पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि लाल टोपियां उत्तर प्रदेश के लिए रेड अलर्ट की तरह हैं। मोदी ने एक रैली में कहा था, "लाल टोपी वाले लोग आतंकवादियों पर एहसान करने और उन्हें जेल से छुड़ाने के लिए सरकार बनाना चाहते हैं, इसलिए, आपको याद रखना चाहिए कि लाल टोपी पहनने वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं, दूसरे शब्दों में खतरे की घंटी है।"

सपा प्रमुख ने दावा किया कि समाजवादी और अंबेडकरवादी ताकतें एकजुट होंगी और राज्‍य में बदलाव लाएंगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Agriculture laws withdrawn due to compulsion of UP assembly elections: Akhilesh

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे