The first Agniveer laid down his life in operations: सियाचिन में ड्यूटी के दौरान एक अग्निवीर की मौत हो गई। सेना की लेह स्थित ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ ने रविवार को यह जानकारी दी। अग्निवीर (संचालक) गावते अक्षय लक्ष्मण पहले अग्निवीर हैं जिन्होंने ऑपरेशन में अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्हें दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में तैनात किया गया था।
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और बल के सभी रैंक के कर्मियों ने महाराष्ट्र के अग्निवीर गवते अक्षय लक्ष्मण की मौत पर शोक व्यक्त किया है। काराकोरम पर्वतीय श्रृंखला में लगभग 20,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन हिमनद को दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्यीकृत क्षेत्र के रूप में जाना जाता है जहां सैनिकों को अत्यधिक ठंड और तेज हवाओं से जूझना पड़ता है। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि लक्ष्मण की मौत का कारण क्या है। ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, "फायर एंड फ्यूरी कोर के सभी अधिकारी सियाचिन की दुर्गम ऊंचाइयों पर ड्यूटी के दौरान अग्निवीर (ऑपरेटर) गवते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।"
भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पोस्ट पर एक संदेश में कहा कि वह दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है। भारतीय सेना ने एक्स पर अपने आधिकारिक अकाउंट पर एक संदेश में कहा, "सीओएएस जनरल मनोज पांडे और भारतीय सेना के सभी रैंक के लोग सियाचिन की दुर्गम ऊंचाइयों पर कर्तव्य निभाते हुए अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं। भारतीय सेना इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है।"
बता दें कि सियाचिन को भारत का सबसे बड़ा जबकि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर कहा जाता है। इसी सियाचिन ग्लेशियर पर भारत ने पाकिस्तान से युद्ध लड़ा था। सियाचिन समुद्र तल से करीब 5753 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और कश्मीर के इस क्षेत्र पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद भी है। यही कारण है कि भारत की सेनाएं चौबीस घंटे इस क्षेत्र की सुरक्षा में तैनात रहती हैं।