सरकारी विभागों, पदों में पूर्व सैनिकों की भर्ती में बड़ी कमी, अग्निपथ पर विवाद के बीच देखें क्या कहते हैं आंकड़े

By विनीत कुमार | Published: June 20, 2022 07:32 AM2022-06-20T07:32:59+5:302022-06-20T07:48:30+5:30

अग्निपथ योजना पर मचे विवाद के बीच केंद्र ने अग्निवीरों के लिए कुछ विभागों में आरक्षण की बात कही है। हालांकि आंकड़े दिखाते हैं कि बड़ी संख्या में सार्वजनकि पदों पर पूर्व सैन्यकर्मियों की भर्ती में कमी आई है। 

Agnipath row: Big reduction in recruitment of ex-servicemen in government departments and posts says data | सरकारी विभागों, पदों में पूर्व सैनिकों की भर्ती में बड़ी कमी, अग्निपथ पर विवाद के बीच देखें क्या कहते हैं आंकड़े

सरकारी विभागों, पदों में पूर्व सैनिकों की भर्ती में बड़ी कमी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सेना में भर्ती के लिए सरकार की ओर से घोषित 'अग्निपथ योजना' को लेकर विवाद जारी है। हालांकि इस कम करने के इरादे से केंद्र ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), रक्षा मंत्रालय और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) में 'अग्निवीरों' के लिए 10% कोटा की घोषणा की है। हालांकि आधिकारिक रिपोर्ट बताते हैं कि बड़ी संख्या में सार्वजनकि पदों पर पूर्व सैन्यकर्मियों की भर्ती में कमी आई है। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार रक्षा विभाग के पूर्व सैन्य कर्मियों के कल्याण विभाग के तहत आने वाले पुनर्वास महानिदेशालय (डीजीआर) से उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों (30 जून, 2021 तक) के आधार पर देखें पूर्व सैन्यकर्मियों के लिए उपलब्ध आरक्षित वैकेंसी के मुकाबले उनकी नियुक्तियों में भारी कमी है।

केंद्र सरकार के विभागों में ग्रुप-सी और डी का हाल

केंद्र सरकार के विभागों में ग्रुप-सी के लिए 10% और ग्रुप-डी के लिए 20% पद पूर्व सैन्य कर्मियों के लिए आरक्षित हैं। हालांकि ग्रुप सी में कुल 1.29% और ग्रुप डी में 2.66% ही भर्तियां हुई हैं। ये आंकड़े केंद्र सरकार के 77 विभागों में से 34 के हैं, जो डीजीआर के साथ अपने डेटा साझा किए हैं।

केंद्र सरकार के इन 34 विभागों में ग्रुप- सी के 10,84,705 कर्मचारियों में से केवल 13,976 ही पूर्व सैन्यकर्मी थे। वहीं, कुल 3,25,265 ग्रुप डी कर्मियों में से केवल 8,642 पूर्व सैन्यकर्मी थे।

इसके अलावा सीएपीएफ/सीपीएमएफ (केंद्रीय पैराशूट सशस्त्र बल) में सहायक कमांडेंट के स्तर पर सीधी भर्ती पर पूर्व सैन्य कर्मियों के लिए 10 प्रतिशत कोटा है। हालांकि 30 जून, 2021 तक जीएपीएफ/केपीएमएफ की कुल संख्या में ग्रुप- सी में पूर्व सैन्य कर्मियों की संख्या केवल 0.47% थी। यानी इस ग्रुप में 8,81,397 लोगों में से 4,146 पूर्व सैन्यकर्मी थे। वहीं, ग्रुप बी में 0.87% (61,650 में से 539) और ग्रुप ए में 2.20% (76,681 में से 1,687) ही पूर्व सैन्यकर्मी थे।

केंद्रीय पीएसयू में ग्रुप सी पदों पर पूर्व सैनिकों के लिए 14.5% और ग्रुप डी पदों के लिए 24.5% कोटा निर्धारित किया गया है। हालांकि डीजीआर के अनुसार पूर्व सैन्यकर्मियों की संख्या ग्रुप -सी में केवल 1.15% (कुल 2,72,848 में से 3,138) और ग्रुप-डी में 0.3% (1,34,733 में से 404) है। ये आंकड़े भी 170 केंद्रीय पीएसयू में से 94 के हैं, जिन्होंने अपने डेटा जमा कराए हैं।

पब्लिक सेक्टर बैंक में स्थिति कुछ बेहतर

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में स्थिति कुछ बेहतर नजर आती है। यहां ग्रुप- सी में सीधी भर्ती के लिए पूर्व सैन्यकर्मियों के लिए 14.5% और समूह डी में 24.5% निर्धारित हैं। ऐसे में ग्रुप सी में भूतपूर्व सैनिक 9.10% (2,71,741 में से 24,733) और ग्रुप-डी में 21.34% (1,07,009 में से 22,839) है।

Web Title: Agnipath row: Big reduction in recruitment of ex-servicemen in government departments and posts says data

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