अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में स्थिति सामान्य नहींः पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा

By भाषा | Updated: November 25, 2019 19:17 IST2019-11-25T19:17:14+5:302019-11-25T19:17:14+5:30

कंसर्न्ड सिटीजन ग्रुप (सीसीजी) नामक प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि घाटी के विभिन्न हिस्सों में उनकी गतिविधियों पर पुलिस द्वारा लगाई गई रोक जमीनी हकीकत को छिपाने के लिए सरकार की सोची-समझी चाल है। प्रतिनिधिमंडल ने आगाह किया कि अगर केंद्र कश्मीर को लेकर अपने रवैये में बदलाव नहीं करता है तो स्थिति और बिगड़ जाएगी।

After the repeal of Article 370, the situation in the valley is not normal: Former Union Minister Yashwant Sinha | अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में स्थिति सामान्य नहींः पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा

सिन्हा ने कहा, ‘‘उन्होंने एक महत्वपूर्ण आवाज को बंद कर दिया है।

Highlights‘‘लोगों के विभिन्न समूहों से बात करने के बाद, मैं अपनी यात्रा के अंत में इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि स्थिति सामान्य बिल्कुल नहीं है।’’राजनीतिक प्रतिनिधि अब्दुल्ला की हिरासत को बहुत ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ और ‘‘दर्दनाक’’ करार दिया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में नागरिक समाज के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को संपन्न हुई कश्मीर की अपनी चार दिवसीय यात्रा को बेहद सफल करार दिया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घाटी में स्थिति सामान्य नहीं है।

कंसर्न्ड सिटीजन ग्रुप (सीसीजी) नामक प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि घाटी के विभिन्न हिस्सों में उनकी गतिविधियों पर पुलिस द्वारा लगाई गई रोक जमीनी हकीकत को छिपाने के लिए सरकार की सोची-समझी चाल है। प्रतिनिधिमंडल ने आगाह किया कि अगर केंद्र कश्मीर को लेकर अपने रवैये में बदलाव नहीं करता है तो स्थिति और बिगड़ जाएगी।

सिन्हा ने कहा, ‘‘लोगों के विभिन्न समूहों से बात करने के बाद, मैं अपनी यात्रा के अंत में इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि स्थिति सामान्य बिल्कुल नहीं है।’’ सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के फैसले के चलते ‘‘भारी मनोवैज्ञानिक समस्या’’ पैदा हो गई है।

उन्होंने कहा कि घाटी में भय का माहौल व्याप्त है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि क्षेत्र के निवासियों ने केंद्र सरकार द्वारा इतने कठोर कदम उठाए जाने की उम्मीद नहीं की थी जिसके परिणामस्वरूप लोगों पर पाबंदी लगा दी गई है और अब यह संज्ञा शून्यता अत्यधिक डर में तब्दील हो गया है।

सांसद फारूक अब्दुल्ला समेत मुख्यधारा के कई राजनेताओं को हिरासत में रखे जाने को लेकर पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐसा कर घाटी में महत्त्वपूर्ण आवाज को बंद करने का काम किया है, जिससे एक खालीपन पैदा हो गया है, जिसके चलते लोगों की शिकायतें सुनने, उन्हें सामने रखने वाला कोई नहीं है।

उन्होंने लोगों द्वारा चुने गए एक राजनीतिक प्रतिनिधि अब्दुल्ला की हिरासत को बहुत ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ और ‘‘दर्दनाक’’ करार दिया। सिन्हा ने कहा, ‘‘उन्होंने एक महत्वपूर्ण आवाज को बंद कर दिया है और उन्होंने एक खालीपन पैदा कर दिया है। इस पर बात करने वाला कोई नहीं है।’’ जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के निरस्तीकरण के बाद घाटी की अपनी पहली यात्रा पर शुक्रवार को यहां पहुंचे समूह ने सोमवार दोपहर दिल्ली रवाना होने से पहले अपनी यात्रा के दौरान कई प्रतिनिधिमंडलों और व्यक्तियों से मुलाकात की। 

Web Title: After the repeal of Article 370, the situation in the valley is not normal: Former Union Minister Yashwant Sinha

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