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पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उनके पैतृक गांव गोपालगंज जिले के मांझा शेखटोली में पसरा मातम

By एस पी सिन्हा | Updated: October 13, 2024 15:23 IST

बाबा सिद्दीकी के पैतृक घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों को भीड़ लग गई। बताया जाता है कि आज से लगभग 50 साल पहले मांझा शेख टोली निवासी अब्दुल रहीम कामधाम की तलाश में मुंबई चले गए। वहां जाकर वे वॉचमेकर का काम करने लगे। 

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पटना: राकांपा नेता एवं पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दिए जाने की सूचना मिलते ही गोपालगंज सहित पूरे बिहार में शोक की लहर दौड़ गई। इस घटना की सूचना बाबा सिद्दीकी के पैतृक गांव गोपालगंज जिले के मांझा थाना क्षेत्र के मांझा शेखटोली में मिलते ही उनके परिवार के सभी लोग शोकाकुल हो गए। बाबा सिद्दीकी के पैतृक घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों को भीड़ लग गई। बताया जाता है कि आज से लगभग 50 साल पहले मांझा शेख टोली निवासी अब्दुल रहीम कामधाम की तलाश में मुंबई चले गए। वहां जाकर वे वॉचमेकर का काम करने लगे। 

बताया जाता है कि मुंबई में ही बाबा सिद्दीकी का जन्म हुआ था, लेकिन उनका लगाव पैतृक गांव से हमेशा रहा है। वह वर्ष 2018 में अपने गांव माझा के शेख टोली आए थे। उसके बाद वर्ष 2022 में गांव आए थे और अब महाराष्ट्र चुनाव के बाद फिर गांव आने की प्लानिंग किए थे। बाबा सिद्दीकी अपने पिता मो. रहमान के नाम से रहमान मेमोरियल ट्रस्ट नामक संस्था बनाकर बिहार के अलग-अलग जिले में 40 स्थानों पर बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा के लिए सेंटर खोले। उनके भतीजे मो. गुफरान ने बताया कि बाबा सिद्दीकी का सपना था कि बिहार के बच्चों को नि:शुल्क प्रतियोगिता की तैयारी कराना और सभी बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा उपलब्ध कराना। उनकी हत्या से गांव सहित आस-पास के लोगों में शोक व्याप्त हो गया है। 

ऐसा कहा जाता हैं कि राजनीति से लेकर फिल्म इंडस्ट्रीज में भी उनकी गहरी पैठ थी। वे संजय दत के पिता सुनील दत्त के मित्र थे। वह राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के भी करीबी माने जाते थे। बिहार जब भी आते थे तब लालू प्रसाद से जरूर मुलाकात करते थे। बिहार की राजनीति से उनका कोई लगाव तो नहीं रहा, लेकिन बिहार की विकास पर बात करते थे। वर्ष 2020 में बिहार के गोपालगंज में 83 लोगों की बिजली का करंट लगने की वजह से मौत हो जाने घटना पर दुख जताते हुए बाबा सिद्दीकी ने फेसबुक पर लिखा था, मेरे पिताजी का जन्म बिहार गोपालगंज मांझा में हुआ था, मुझे मांझा में बचपन की यादें हैं। 83 लोगों के परिवारों के लिए मेरी हार्दिक संवेदना है जो बिजली के वोल्ट के कारण गुजर गए। इन कठिन समय में मैं बिहार के लोगों के लिए दुआ करता हूं।

टॅग्स :गोपालगंजबिहारNCP
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