हस्तक्षेप के बाद संपत्ति के असली मालिक का नाम जबलपुर जिले के राजस्व रिकॉर्ड में बहाल: एनएचआरसी
By भाषा | Updated: September 8, 2021 22:56 IST2021-09-08T22:56:48+5:302021-09-08T22:56:48+5:30

हस्तक्षेप के बाद संपत्ति के असली मालिक का नाम जबलपुर जिले के राजस्व रिकॉर्ड में बहाल: एनएचआरसी
नयी दिल्ली, आठ सितंबर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बुधवार को कहा कि उसके हस्तक्षेप के बाद मध्य प्रदेश में एक संपत्ति के असली मालिक का नाम जबलपुर जिले के राजस्व रिकॉर्ड में बहाल कर दिया गया है।
इससे पहले, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने जिला कलेक्टर को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि यह ''आश्चर्यजनक है कि बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए भूमि अभिलेखों में प्रविष्टियां कैसे बदल दी गईं और शिकायतकर्ता को अवैध रूप से उसके स्वामित्व अधिकारों से वंचित कर दिया गया।''
आयोग ने एक बयान में कहा कि एनएचआरसी के नोटिसों के जवाब में ''आखिरकार मध्य प्रदेश सरकार ने सूचित किया गया है कि एक आवासीय संपत्ति के असली मालिक का नाम जबलपुर जिले के राजस्व रिकॉर्ड में बहाल कर दिया गया है।''
कलेक्टर की उपस्थिति के लिए सशर्त समन जारी किए जाने के बाद ही राज्य सरकार ने अंततः सूचित किया कि गलती को सुधारा लिया है।
बयान में कहा गया है कि शिकायतकर्ता का नाम तकनीकी या लिपिकीय गलतियों के कारण खसरा से गायब हो गया था न कि किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के तहत।
शिकायतकर्ता ने पिछले साल 5 अगस्त को आरोप लगाया था कि उसने जबलपुर जिले की गोरखपुर तहसील में एक पंजीकृत डीड के जरिए 12 जुलाई 1996 को 1,500 वर्ग फुट का प्लॉट खरीदा था। लेकिन उसने पाया कि भूमि के म्यूटेशन के लगभग 20 साल बाद उसका नाम राजस्व रिकॉर्ड से गायब हो गया था।
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