पंजाब कांग्रेस में विवाद के निपटारे के बाद कांग्रेस आलाकमान ने अब राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही अंदरुनी कलह को खत्म करने के लिए कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार में जल्द मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। इसके लिए पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन भी जयपुर पहुंचे हैं।
विधायक दल की बैठक या स्वागत समारोह?
इस सिलसिले में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा विधायक दल की बैठक बुलाए जाने की खबरें थी लेकिन इस बैठक का न्योता सचिन पायलट को न मिलनी की खबर से हंगामा हो गया। इसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट कर बैठक की बात से इनकार करते हुए इसे दिल्ली से आए नेताओं का स्वागत समारोह बताया।
दरअसल, इससे पहले तक माना जा रहा था कि गहलोत गुट पायलट की बगावत के खिलाफ केसी वेणुगोपाल और अजय माकन के सामने अपनी बात रखना चाहता इसलिए विधायकों को फोन करके बुलाया गया था। मगर हंगामे के बाद इसे स्वागत कार्यक्रम बताया जा रहा है। वेणुगोपाल और पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन अपनी जयपुर यात्रा के दौरान कैबिनेट फेरबदल, पार्टी संगठन के जिला प्रमुखों की नियुक्ति पर कांग्रेस नेताओं से अहम चर्चा कर सकते है।
पंजाब के बाद राजस्थान पर कांग्रेस का ध्यान
हाल में पंजाब कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद सुलझाने के बाद पार्टी आलाकमान ने अपना सारा ध्यान राजस्थान पर केंद्रित कर दिया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के नेतृत्व वाले खेमे ने पिछले साल कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों की मांग को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। सचिन पायलट के समर्थक 18 विधायकों के बगावत करने से गहलोत सरकार पर संकट मंडराने लगा था।