एडमिरल करमबीर सिंह ने बतौर नये नौसेना प्रमुख शुक्रवार सुबह कमान संभाल ली। वह 24वें नौसेना प्रमुख हैं। दिल्ली में नौसेना के एक औपचारिक परेड कार्यक्रम में एडमिरल सुनील लांबा से पदभार संभाला। एडमिरल लांबा 31 मई को रिटायर हो रहे हैं।
नौसेना में सीनियर के रहते जूनियर अफसर को प्रमुख बनाया जा रहा है। इसे लेकर पिछले कुछ दिनों से विवाद भी जारी है। दरअसल, वाइस एडमिरल सिंह से करीब 6 महीने सीनियर वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने आर्म्ड फोर्सेज ट्राइब्यूनल में अपील की है।
नौसेना के वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने याचिका दायर कर रक्षा मंत्रालय के उस आदेश को निरस्त करने की मांग की है जिसमें वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को नौसेना का अगला प्रमुख बनाने की घोषणा की गई थी। अपनी याचिका में वर्मा ने रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी वह नोट रद्द करने की भी मांग की जिसमें सिंह की नियुक्ति के खिलाफ उनकी नियुक्ति खारिज की गई थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने मेरिट आधारित दृष्टिकोण अपनाते हुए यह चयन किया है और पद के लिए वरिष्ठतम अधिकारी की नियुक्ति की जाने वाली परंपरा नहीं अपनाई। सरकार ने 2016 में सेना प्रमुख की नियुक्ति किए जाने के वक्त वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति की परंपरा का पालन नहीं किया था।
एडमिरल करमबीर सिंह इससे पहले विशाखापट्टनम में पूर्वी नौसैना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के तौर पर कार्यरत थे। अक्टूबर 2017 में पूर्वी नौसैना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ का प्रभार संभालने से पहले उन्होंने नौसेना के उपप्रमुख के तौर पर भी सेवाएं दी हैं।
तीन नवंबर 1959 को जन्मे एडमिरल सिंह एक जुलाई, 1980 को नौसेना में शामिल हुए थे। उन्हें 1982 में हेलीकॉप्टर पायलट बनने का मौका मिला और उन्हें चेतक एवं कमोव हेलीकॉप्टरों में उड़ान भरने का लंबा अनुभव है। सिंह डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन एवं कॉलेज ऑफ नेवल वारफेयर, मुबई के स्नातक हैं। वह जालंधर के रहने वाले हैं और उन्होंने परम विशिष्ट सेवा पदक एवं अति विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त किया है।
(भाषा इनपुट)