पटना:बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने दोनों सदन को संयुक्त रूप से संबोधित किया। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण के दौरान विधायकों, विधान परिषद के सदस्यों, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्रियों और सदन के सभी माननीय सदस्यों का हार्दिक अभिनंदन करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की। राज्यपाल ने हालिया विधानसभा चुनाव में जनता द्वारा दिए गए जनादेश को लोकतंत्र की शक्ति बताते हुए कहा कि बिहार ने एक बार फिर स्थिरता और सुशासन के पक्ष में वोट दिया है। इसी क्रम में उन्होंने नीतीश कुमार को दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने पर बधाई देते हुए उनके मंत्रिमंडल को शुभकामनाएं भी दीं।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता युवाओं के लिए रोजगार सृजन है। उनका दावा था कि अब तक करीब 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 40 लाख से अधिक को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार दिया गया है। आने वाले पांच वर्षों में एक करोड़ नई नौकरियां देने का लक्ष्य तय किया गया है, और इस दिशा में तेजी से काम शुरू हो चुका है। अभिभाषण के दौरान राज्यपाल ने बिहार के विकास मॉडल की खुली तारीफ। उन्होंने बताया कि बिहार में 27 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण तेज़ी से हो रहा है, जिससे राज्य स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अब हर जिले में इंजीनियरिंग की पढ़ाई उपलब्ध कराई जा रही है। इससे वह दौर खत्म हो रहा है जब बिहार के छात्रों को पढ़ाई के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता था। आज स्थिति उलट चुकी है दूसरे राज्यों के छात्र बिहार आ कर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। राज्यपाल ने इंफ्रास्ट्रक्चर के तेज़ विकास पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सूबे में बाईपास, रेल पुल और नई सड़कों का निर्माण इतनी तेज़ी से हुआ है कि अब प्रदेश के सबसे दूरस्थ क्षेत्रों से भी सिर्फ पांच घंटे में पटना पहुंचना संभव हो गया है। यह सड़क क्रांति बिहार की नई तेज रफ्तार का संकेत है।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने बताया कि तलाकशुदा महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जा रही है, जबकि मदरसों को सरकारी मान्यता देकर उनके शिक्षकों को अन्य सरकारी शिक्षकों के समान वेतन उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने हिंदू, मुस्लिम, पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, सभी वर्गों के विकास को प्राथमिकता दी है। छात्रवृत्ति योजनाओं से लेकर सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन रोजगार योजना, तथा अल्पसंख्यक कल्याण के लिए स्कूल, हॉस्टल और मुफ्त कोचिंग, इन सभी पहलों का उल्लेख उन्होंने गर्व के साथ किया।
राज्यपाल ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट बिजली मुफ्त देने का बड़ा फैसला लिया है, जिससे लाखों परिवारों को सीधी आर्थिक राहत मिल रही है। इसके साथ ही राज्य अब हर घर की छत पर सोलर पैनल लगाने की तैयारी में है, ताकि ऊर्जा संरक्षण के साथ आत्मनिर्भरता को भी नई दिशा मिल सके।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने सामाजिक न्याय और समावेशी विकास को सरकार की पहचान बताया। महिला सशक्तिकरण पर बात करते हुए राज्यपाल ने याद दिलाया कि 2006 में पंचायती राज और 2007 में नगर निकायों में 50 फीसदी महिलाओं को आरक्षण दिया गया था, जबकि पुलिस और सभी सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी आरक्षण के फैसले ने बिहार की बेटियों के लिए नए अवसर खोले।
उन्होंने बताया कि जीविका के माध्यम से आज 11 लाख समूह और 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदियां आर्थिक स्वावलंबन की मिसाल बन चुकी हैं। नई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत अब तक 1 करोड़ 56 लाख महिलाओं को 10,000 रुपये की सहायता दी जा चुकी है और शेष लाभार्थियों को भी जल्द राशि मिलेगी।
राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान एक तकनीकी समस्या ने पूरे सदन की गरिमा भरी कार्यवाही को प्रभावित कर दिया। सेंट्रल हॉल में आयोजित संयुक्त बैठक के दौरान उस समय अफरा-तफरी मच गई जब राज्यपाल के अभिभाषण की शुरुआत के कुछ ही मिनट बाद साउंड सिस्टम अचानक काम करना बंद कर दिया।
पूरे सदन में मौजूद विधायकों, मंत्रियों और अधिकारियों को राज्यपाल की आवाज साफ-साफ सुनाई नहीं दे रही थी। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी यह ऑडियो सिस्टम की ऐसी हालत देखकर नाराज हो गईं। आवाज नहीं आने से राजद के विधायकों ने टोका टोकी शुरू किया।
फिर राबड़ी देवी नाराजगी जताते हुए आवाज उठाई। राबड़ी देवी ने जोर से आवाज उठाते हुए सवाल किया कि अभिभाषण आखिर सुनाई क्यों नहीं दे रहा? राज्यपाल ने सदस्यों को शांत रहने की नसीहत दी और कहा कि ‘जोर से बोलूंगा तो आवाज आएगी।’
राज्यपाल के अभिभाषण के शुरु के 15 मिनट तक राज्यपाल का अभिभाषण सुनाई नहीं दिया। जिसके बाद सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया। सदस्यों के हंगामे से राज्यपाल सकते में आ गए। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुस्से में अधिकारियों को देख रहे थे। हालांकि इसके बाद विधानसभा की तकनीकी टीम ने माइक को सही किया।