उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की रहने वाली 7 साल की बच्ची अभिजीता गुप्ता ने वो काम कर दिखाया है जिसे करने में हम में ज्यादातर लोगों को कई साल लग जाते हैं। उन्होंने इस छोटी सी उम्र में एक किताब लिख डाली है। इस किताब के साथ ही इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने अभिजीता को दुनिया की सबसे कम उम्र की लेखिका के रूप में मान्यता दी है।
वहीं, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने उन्हें 'ग्रैंडमास्टर इन राइटिंग' के खिताब से सम्मानित किया है। अभिजीता ने जिस किताब को लिखा है, उसका नाम है- ‘हैप्पीनेस ऑल अराउंड’। इस किताब में उनकी छोटी-छोटी कहानियों और कविताओं का संकलन है। दिलचस्प ये भी है कि उन्होंने इस किताब को महज तीन महीने में लिख दिया था।
राष्ट्रकवि स्व. मैथिलीशरण गुप्त की पड़पोती हैं अभिजीता
अभिजीता प्रसिद्ध कवि रहे स्व. मैथिलीशरण गुप्त की पड़पोती हैं। फिलहाल दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली अभिजीता ने 5 साल की उम्र में लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपनी लेखनी से जुड़े ज्यादातर काम इसी कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान किए। वे अपने माता-पिता के साथ गाजियाबाद में रहती हैं। उनके पिता चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और मां इंजीनियर रही हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार लिखने को लेकर अपने जुनून के बारे में अभिजीता बताती हैं, मेरी आसपास की चीजें और छोटी-छोटी बातें भी मुझे लिखने के लिए प्रेरित करती हैं। मैं हमेशा सकारात्मक चीजों पर लिख रही हूं, जो भी मैं देखती हूं, सुनती हूं या महसूस करती हूं।'
अभिजीता की किताब ‘हैप्पीनेस ऑल अराउंड’ बच्चों के लिए है और दुनिया की उन कुछ चुनिंदा किताबों में हैं जिसे किसी बच्चे ने लिखा है। इसे 'इंविसिवल पब्लिशर' ने छापा है। इसके किंडल एडिशन और हार्ड कॉपी दोनों ही मौजूद हैं। अभिजीता की एक और किताब भी जल्द आने जा रही है। इसमें कोविड-19 महामारी और इसके बच्चों पर प्रभाव की बात होगी।