मनीष सिसोदिया की जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर करेगी आप, फैसले से सहमत नहीं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 30, 2023 08:19 PM2023-10-30T20:19:20+5:302023-10-30T20:20:15+5:30

उच्चतम न्यायालय ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाला से संबंधित भ्रष्टाचार एवं धन शोधन के मामलों में सोमवार को सिसोदिया की नियमित जमानत की अपीलें यह कहकर खारिज कर दी कि मामले में अस्थायी तौर पर 338 करोड़ रुपये के हस्तांतरण की पुष्टि हुई है।

AAP to file review petition in Supreme Court for Manish Sisodia's bail | मनीष सिसोदिया की जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर करेगी आप, फैसले से सहमत नहीं

(फाइल फोटो)

Highlightsमनीष सिसोदिया की जमानत के लिए फिर सुप्रीम कोर्ट जाएगी आपउच्चतम न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर करेगीमनीष सिसोदिया की जमानत रद्द हो गई थी

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने की योजना बना रही है। पार्टी सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाला से संबंधित भ्रष्टाचार एवं धन शोधन के मामलों में सोमवार को सिसोदिया की नियमित जमानत की अपीलें यह कहकर खारिज कर दी कि मामले में अस्थायी तौर पर 338 करोड़ रुपये के हस्तांतरण की पुष्टि हुई है। पार्टी के एक सूत्र ने कहा, "पार्टी उच्चतम न्यायालय के इस आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने की योजना बना रही है।"

बता दें कि सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना एवं न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भट्टी की पीठ ने कहा कि उसने जांच एजेंसियों के बयान को रिकॉर्ड किया है कि इन मामलों में सुनवाई छह से आठ महीने में पूरी हो जाएगी। पीठ ने कहा कि अगर सुनवाई की कार्यवाही में देरी होती है तो सिसोदिया तीन महीने में इन मामलों में जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।

आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि पार्टी और उसके नेता उच्चतम न्यायालय का सम्मान करते हैं लेकिन उसके आदेश से सहमत नहीं हैं। आतिशी ने शीर्ष अदालत के आदेश के बाद  एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जांच एजेंसियों के खिलाफ तीखी टिप्पणियां करने के बावजूद अदालत ने प्रतिकूल आदेश दिया है। आतिशी ने कहा, "जब उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी, तब उच्चतम न्यायालय ने लगातार प्रवर्तन निदेशालय से कड़े सवाल पूछे जैसे कि धनशोधन कहां है। शीर्ष अदालत ने यह भी बताया कि यह मामला एक सरकारी गवाह दिनेश अरोड़ा के बयान पर आधारित है। इन तीखी टिप्पणियों के बावजूद शीर्ष अदालत ने प्रतिकूल फैसला सुनाया। हम उस आदेश का गहराई से अध्ययन करेंगे और अपने कानूनी विकल्प तलाशेंगे तथा अपना अगला कदम तय करेंगे।"

Web Title: AAP to file review petition in Supreme Court for Manish Sisodia's bail

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