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जम्मू-कश्मीरः आतंकवादियों से लड़ते हुए प्राण न्योछावर करने वाले सीआरपीएफ जवान की पत्नी को 18 साल बाद अनुग्रह राशि, सीईसी सुनील अरोड़ा ने मांगी माफी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 19, 2020 19:05 IST

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने विलंब के लिए अफसोस जताया है और उन्होंने प्रमिला देवी को पत्र लिखकर प्रशासनिक तंत्र की ओर से उनसे निजी तौर पर माफी मांगी है। आयोग ने अपवाद के तौर पर उन्हें 20 लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का फैसला किया है।

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ठळक मुद्देप्राण न्योछावर करने वाले सीआरपीएफ जवान की पत्नी को 18 साल बाद निर्वाचन आयोग से अनुग्रह राशि प्रात हुयी है।वर्तमान समय में इतनी राशि दी जाती है। साल 2002 में पांच लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाती थी।चुनाव के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 45वीं बटालियन के रमेश कुमार चुनाव ड्यूटी पर तैनात थे।

नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर में 2002 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आतंकवादियों से लड़ने के दौरान प्राण न्योछावर करने वाले सीआरपीएफ जवान की पत्नी को 18 साल बाद निर्वाचन आयोग से अनुग्रह राशि प्रात हुयी है।

अनुग्रह राशि शीर्ष स्तर से हस्तक्षेप के बाद मिली है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने विलंब के लिए अफसोस जताया है और उन्होंने प्रमिला देवी को पत्र लिखकर प्रशासनिक तंत्र की ओर से उनसे निजी तौर पर माफी मांगी है। आयोग ने अपवाद के तौर पर उन्हें 20 लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का फैसला किया है।

वर्तमान समय में इतनी राशि दी जाती है। साल 2002 में पांच लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाती थी। रकम को उनके बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया गया है। जम्मू कश्मीर में 2002 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 45वीं बटालियन के रमेश कुमार चुनाव ड्यूटी पर तैनात थे।

उस साल आठ अक्टूबर को उनकी डोडा टाउन हॉल क्षेत्र के एक मतदान केंद्र में आतंकवादियों के साथ संघर्ष के दौरान मौत हो गई थी। हरियाणा के भिवानी में रहने वाली उनकी पत्नी प्रमिला देवी ने दिसंबर 2019 में आयोग को पत्र लिखकर अनुग्रह राशि का जल्द भुगतान करने का आग्रह किया था।

उनके अनुरोध को जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेज दिया गया। आयोग द्वारा सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को भेजे पत्र में ऐसे लंबित मामलों को तेजी से निपटान करने के लिए उन्हें संवेदनशील होने को कहा गया है।

इस साल 10 अगस्त को देवी ने अरोड़ा को ई-मेल भेजकर उनके हस्तक्षेप की गुजारिश की थी। अपने जवाब में अरोड़ा ने कहा था, " मैं पूरे प्रशासनिक तंत्र की ओर से निजी तौर पर माफी चाहता हूं और आपको आश्वस्त करता हूं कि आपके दिवंगत पति के सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।" आयोग ने चुनाव अधिकारियों और सुरक्षा बलों के अनुग्रह राशि से संबंधित लंबित दावों की पड़ताल करने के आदेश दिए हैं। 

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