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उप मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने के बाद सुशील कुमार मोदी को विधान परिषद में नई जिम्मेदारी, आचार समिति अध्यक्ष बनाए गए

By एस पी सिन्हा | Updated: November 19, 2020 20:02 IST

पूर्ववर्ती नीतीश सरकार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बिहार की नई एनडीए सरकार में शामिल नहीं होने के बाद से माना जा रहा था कि उन्‍हें संगठन और सरकार में भी कोई अहम जिम्‍मेदारी मिल सकती है. उस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शपथ ग्रहण समारोह के बाद कहा था कि मैं सुशील जी को मिस करूंगा. 

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ठळक मुद्देसरकार ने  मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ ही पूर्व जल संसाधन मंत्री संजय झा को विधान परिषद भवन में ठिकाना मुहैया करा दिया है.आचार समिति अध्यक्ष बनाए जाने के बाद आज सुशील मोदी ने पदभार ग्रहण किया और कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह से मुलाकात की.विधान परिषद के दोनों वरिष्ठ सदस्यों को अलग अलग समितियों का अध्यक्ष बनाया गया है.

पटनाः बिहार में उप मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी को विधान परिषद में नई जिम्मेदारी दी गई है. उन्हें बिहार विधान परिषद के आचार समिति अध्यक्ष बनाया गया है.

पूर्ववर्ती नीतीश सरकार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बिहार की नई एनडीए सरकार में शामिल नहीं होने के बाद से माना जा रहा था कि उन्‍हें संगठन और सरकार में भी कोई अहम जिम्‍मेदारी मिल सकती है. उस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शपथ ग्रहण समारोह के बाद कहा था कि मैं सुशील जी को मिस करूंगा. 

अब सरकार ने  मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ ही पूर्व जल संसाधन मंत्री संजय झा को विधान परिषद भवन में ठिकाना मुहैया करा दिया है. बिहार विधान परिषद के आचार समिति अध्यक्ष बनाए जाने के बाद आज सुशील मोदी ने पदभार ग्रहण किया और कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह से मुलाकात की.

इसके बाद सुशील मोदी ने अपने कार्यालय कक्ष का निरीक्षण किया. विधान परिषद के दोनों वरिष्ठ सदस्यों को अलग अलग समितियों का अध्यक्ष बनाया गया है. पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को जहां आचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया है, वहीं पूर्व मंत्री संजय झा को याचिका समिति की जिम्मेदारी दी गई है. 

विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. दोनों समितियां विधान परिषद की स्थाई है और महत्वपूर्ण समितियां हैं. विधान सभा सत्र के दौरान विधानमंडल के किसी सदस्‍य या अधिकारियों के खिलाफ भी काम में किसी प्रकार की लापरवाही की शिकायत पर आचार समिति के अध्‍यक्ष पर कार्रवाई की जिम्‍मेदारी होती है.

परिषद से आने वाले सदस्यों के अनुशासन के साथ-साथ उनके आचार को लेकर यह समिति काम करती है. किसी भी तरह की अनुशासनहीनता या आपत्तिजनक आचरण के मामले इसी समिति के पास पहुंचते हैं. यहां बता दें कि जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद आचार समिति के अध्यक्ष नीतीश कुमार बनाए गए थे. इससे पहले आचार समिति के अध्यक्ष पूर्व शिक्षा मंत्री पीके शाही और विधान परिषद के पूर्व वरिष्ठ सदस्य रामबचन राय रह चुके हैं. 

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