नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि उसकी तीन न्यायाधीशों की पीठ दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी जिसमें दक्षिण दिल्ली में कालकाजी मंदिर से अतिक्रमणों और अनधिकृत रूप से रहने वालों तथा दुकानदारों को हटाने का निर्देश दिया गया था।
न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ पहले से इस मुद्दे पर विचार कर रही है जिस पर सुनवाई उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश की पीठ ने की थी।
पीठ ने कहा, ‘‘हमें सूचित किया गया है कि इस न्यायालय की तीन-न्यायाधीशों की पीठ उस मुद्दे की निगरानी कर रही है, जिसका निस्तारण एकल न्यायाधीश द्वारा दिए गए आदेश में किया गया है और उस मामले को सूचीबद्ध करने की तारीख 25 अक्टूबर, 2021 है।”
इसने कहा, ‘‘इसके मद्देनजर, यह उचित होगा कि वर्तमान मामले को भी उसी के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।’’
शीर्ष अदालत कालकाजी मंदिर विक्रेता संगठन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उच्च न्यायालय के 27 सितंबर के आदेश को चुनौती दी गई है। आदेश में दक्षिण दिल्ली के कालकाजी मंदिर से अतिक्रमण और अनधिकृत कब्जाधारियों तथा दुकानदारों को हटाने का निर्देश दिया गया था, जिनके पास दुकानें खोलने का कोई वैध कानूनी अधिकार नहीं है।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि किसी मंदिर के लिए यह आवश्यक है, जहां हर दिन हजारों भक्त पूजा करने के लिए आते हैं, चाहे उसकी सार्वजनिक या निजी स्थिति कुछ भी हो कि वह अनधिकृत अतिक्रमणों से रहित होना चाहिए। अवैध कब्जों के परिणामस्वरूप श्रद्धालुओं को अत्यधिक असुविधा और सुरक्षा सुरक्षा संबंधी चिंताएं होती हैं।
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