पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए हाईटेक हेलीकॉप्टर ‘एयरबस एच145’ की व्यवस्था की गाई है। जिसमें हर महीने 2 करोड़ रुपए किराया दिया जाता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पायलट कैप्टन विवेक परिमल का निलंबन होने के बाद उनका हेलीकॉप्टर सुर्खियों में हैं। सूत्रों की मानें तो पायलट कैप्टन विवेक परिमल ने निलंबित होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। सरकार का कहना है कि परिमल बिना सूचना दिए छुट्टी पर थे, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई।
सूत्रों की मानें तो कैप्टन परिमल ने बिहार राज्य वायु संगठन निदेशालय के अधिकारियों के दुर्व्यवहार और गाली-गलौज से परेशान होकर यह कदम उठाया। कैप्टन विवेक परिमल बिहार सरकार के सरकारी विमान किंग एयर सी-19 ए/बी और वीटी ईबीजी के पायलट थे।
कैप्टन विवेक परिमल मुख्यमंत्री, राज्यपाल और अन्य वीवीआईपी यात्राओं के लिए विमान और हेलीकॉप्टर उड़ाते थे। इन दिनों सीएम नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान भी वह हेलीकॉप्टर के पायलट थे। हालांकि, 3 जनवरी से वे काम पर नहीं आ रहे थे। उनके निलंबन के बाद विभागीय जांच शुरू हो चुकी है। बता दें कि नीतीश सरकार 2022 से चिपशन कंपनी के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है।
हेलीकॉप्टर पर सरकार हर महीने करीब 2 करोड़ रुपए का किराया देती है। यह हेलिकॉप्टर एजेंसी डिमांड पर हेलीकॉप्टर और विमान उपलब्ध कराती है। हेलीकॉप्टर का किराया दो हिस्सों में दिया जाता है। फिक्स्ड चार्ज और प्रति घंटे का चार्ज। महीने में 30 घंटे उड़ान भरने पर भी 2 करोड़ रुपए का खर्च होता है। अगर उड़ान कम हो या न हो, तो भी यही रकम चुकानी पड़ती है। 30 घंटे से अधिक की उड़ान के लिए प्रति घंटे 1.5 लाख रुपए अलग से देने पड़ते हैं।
मुख्यमंत्री का एयरबस एच145 हेलिकॉप्टर बेहद आधुनिक और सुविधाजनक है। इसमें दो इंजन, आसान लैंडिंग के लिए क्लैमशेल दरवाजे और आठ यात्रियों के बैठने की क्षमता है। इसका इंटीरियर लेदर और वुडन का संयोजन है। हेलिकॉप्टर 240 किमी प्रति घंटे की क्रूज स्पीड पर उड़ सकता है और 4 घंटे 33 मिनट तक लगातार हवा में रह सकता है।
बिहार सरकार के पास तीन सरकारी विमान हैं, जिनमें से दो खराब हैं। एयर सी-19 और डॉल्फिन हेलिकॉप्टर लंबे समय से खराब पड़े हैं। मुजफ्फरपुर में खराब हुआ डॉल्फिन हेलिकॉप्टर हाल ही में पटना लाया गया, लेकिन अभी तक इसे ठीक नहीं किया जा सका है। विमानों के रखरखाव के लिए सरकार को अब तक कोई एजेंसी नहीं मिली है। बिहार सरकार के पास 1950 से सरकारी विमान रहे हैं।
कांग्रेस सरकार के समय बिहार राज्य वायु संगठन निदेशालय की स्थापना की गई थी, जिसमें पुष्पक विमान का इस्तेमाल होता था। शुरुआत में परिवहन विभाग इसकी देखरेख करता था, लेकिन बाद में इसे वित्त विभाग और अब कैबिनेट सचिवालय के अधीन रखा गया है। वहीं कैप्टन परिमल पर सख्त कार्रवाई के बाद विभाग ने नई व्यवस्था लागू करने के संकेत दिए हैं। पायलट की शिकायतों की जांच और संगठन में सुधार की मांग उठ रही है।