6 साल में 90 लाख लोगों के रोजगार छिने, आजाद भारत में पहली बार हुआ ऐसाः स्टडी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 1, 2019 08:28 AM2019-11-01T08:28:59+5:302019-11-01T08:34:51+5:30

यह बात एक शोध पत्र में सामने आई है जिसे संतोष मेहरोत्रा और जजाती परीदा ने लिखा है। यह पेपर अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के 'सेंटर ऑफ सस्टेनेबल इम्प्लॉयमेंट' ने प्रकाशित किया है।

90 Lakh people lost employment in 6 years says an academic study by Mehrotra and parida | 6 साल में 90 लाख लोगों के रोजगार छिने, आजाद भारत में पहली बार हुआ ऐसाः स्टडी

6 साल में 90 लाख लोगों के रोजगार छिने, आजाद भारत में पहली बार हुआ ऐसाः स्टडी

Highlights2011-12 से 2017-18 के दौरान भारत में 90 लाख लोगों को रोजगार चले गए।यह बात एक शोध पत्र में सामने आई है जिसे संतोष मेहरोत्रा और जजाती परीदा ने लिखा है।

भारत में 2011-12 से 2017-18 के बीच रोजगार में भारी गिरावट हुई है। यह बात एक शोध पत्र में सामने आई है जिसे संतोष मेहरोत्रा और जजाती परीदा ने लिखा है। यह पेपर अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के 'सेंटर ऑफ सस्टेनेबल इम्प्लॉयमेंट' ने प्रकाशित किया है। बताया जा रहा है कि आजाद भारत में रोजगार की यह सबसे बड़ी गिरावट है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मेहरोत्रा और परीदा ने अपने शोध पत्र में लिखा, '2011-12 से 2017-18 के दौरान भारत में 90 लाख लोगों को रोजगार चले गए। आजाद भारत में ऐसा पहली बार हुआ है।' गौरतलब है कि मेहरोत्रा जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर हैं और परीदा सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ पंजाब में पढ़ाती हैं।

इस शोध पत्र के नतीजे कुछ दिनों पहले हुए एक अध्ययन से उलट हैं जिसे लवीश भंडारी और अमरेश दुबे ने तैयार किया था। प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल द्वारा अधिकृत भंडारी और दुबे के अध्ययन में 2011-12 में देश में 433 मिलियन रोजगार था जो 2017-18 में बढ़कर 457 मिलियन हो गया। इस तरह उनकी रिपोर्ट में रोजगार के आंकड़े में 6 साल के दौरान दो करोड़ 40 लाख की बढ़ोत्तरी हुई।

एक तरफ मेहरोत्रा और परीदा का अध्ययन और दूसरी तरफ भंडारी और दुबे के 2011-12 के रोजगार के आंकड़े में करीब 4 करोड़ का अंतर है। यह हैरान करने वाला है क्योंकि दोनों का अध्ययन एक ही डेटा पर आधारित है। यहां तक की रोजगार और बेरोजगारी का अनुपात भी दोनों अध्ययन में एक ही है लेकिन संख्या अलग-अलग है।

भारत में कुल रोजगार (मिलियन में):-

अध्ययन2004-052011-122017-18
मेहरोत्रा और परीदा459474465
भंडारी और दुबे412433457

आपको बता दें कि इस साल जनवरी में भारत सरकार की एक लीक हुई रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इस समय देश में बेरोजगारी की दर 1970 के दशक के बाद सबसे ज्यादा है। हालांकि इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद नीति आयोग के अध्यक्ष राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया है कि ये कोई फाइनल रिपोर्ट नहीं थी।

Web Title: 90 Lakh people lost employment in 6 years says an academic study by Mehrotra and parida

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