90 Bangladeshi Nationals caught in Mathura: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में नौहझील थाना क्षेत्र के दो गांवों में ईंट-भट्टों पर काम करते पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक भारत में एक दशक से भी अधिक समय से रह रहे थे। यहां तक कि उनमें से कुछ लोगों ने स्थानीय निवास प्रमाण के रूप में पैन कार्ड व आधार कार्ड भी हासिल कर लिए हैं। मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्लोक कुमार ने शुक्रवार को बच्चों और महिलाओं समेत कुल 90 बांग्लादेशी नागरिकों के पकड़े जाने की जानकारी दी थी। एसएसपी ने बताया, "पूछताछ के दौरान 35 पुरुषों, 27 महिलाओं और 28 बच्चों के बांग्लादेशी होने की बात सामने आई। वे लोग तीन-चार महीने पहले मथुरा आए थे।” पुलिस ने सभी वयस्क पुरुषों और महिलाओं के खिलाफ विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 तथा भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 318(4)/338/336(3)/340(2) के तहत मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश करने के बाद मजिस्ट्रेट के निर्देश पर उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।
एसएसपी कुमार ने शनिवार को बताया कि स्थानीय अभिसूचना इकाई के निरीक्षक प्रदीप कुमार शर्मा की टीम सहित नौहझील थाना प्रभारी सोनू कुमार की ओर से नौहझील के अलग-अलग ईंट भट्टों पर काम करते पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों में कुल वयस्कों में 37 पुरुष व 31 महिलाएं शामिल हैं। शेष 22 नाबालिग बच्चे हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस को इनकी तलाशी में 31 मोबाइल फोन, एक पैन कार्ड, दो आधार कार्ड की मूल प्रति तथा चार लोगों के आधार कार्ड की फोटो प्रतिलिपियां बरामद हुई हैं। इनसे की गई पूछताछ में ज्ञात हुआ है कि इनमें से कई तो एक दशक से भी अधिक समय से भारत में अवैध रूप से रह रहे थे। ये लोग राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली एवं उप्र के नोएडा, गाजियाबाद व अलीगढ़ आदि शहरों में होते हुए गत वर्ष मथुरा के भट्टों पर काम करने के लिए आए थे। उन्होंने बताया कि ये सभी बांग्लादेश के कुडीग्राम जनपद के अलग-अलग तालुका के मूल निवासी हैं जबकि केवल एक ठाकुरगांव जिले का रहने वाला है। इनमें अधिकांश युवा हैं और इनकी आयु 18 से 55 वर्ष के बीच है।