नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पचहत्तरवें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया और देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। मुर्मू ने कहा, हमारे गणतंत्र का पचहत्तरवां वर्ष कई अर्थों में देश की यात्रा में एक ऐतिहासि पड़ाव है। यह एक युगांतरकारी परिवर्तन का कालखंड है। उन्होंने कहा, हमारा देश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ते हुए अमृत काल के प्रारंभिक दौर से गुजर रहा है।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस, हमारे आधारभूत मूल्यों और सिद्धांतों को स्मरण करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा, जब हम उनमें से किसी एक बुनियादी चिंतन करते हैं तो स्वाभाविक रूप से अन्य सभी सिद्धांतों पर भी हमारा ध्यान जाता है।
अपने संबोधन में 'भारत रत्न' स्व कर्पूरी ठाकुर का जिक्र करते हुए कहा कि अपने योगदान से सार्वजनिक जीवन को समृद्ध बनाने के लिए, मैं कर्पूरी जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ। राष्ट्रपति ने कहा, कर्पूरी जी पिछड़े वर्गों के सबसे महान पक्षकारों में से एक थे, जिन्होंने अपना सारा जीवन उनके कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।
उन्होंने आगे कहा, हमारे गणतंत्र की मूल भावना से एकजुट होकर 140 करोड़ से अधिक भारतवासी एक कुटुंब के रूप में रहते हैं। दुनिया के सबसे बड़े इस कुटुंब के लिए, सह-अस्तित्व की भावना, भूगोल द्वारा थोपा गया बोझ नहीं है, बल्कि सामूहिक उल्लास का सहज स्रोत है, जो हमारे गणतंत्र दिवस के उत्सव में अभिव्यक्त होता है।
भाषण में राष्ट्रपति ने राम मंदिर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, हम सबने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान पर निर्मित भव्य मंदिर में स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक समारोह देखा। उन्होंने कहा, भविष्य में जब इस घटना को व्यापक परिप्रेक्ष्य देखा जाएगा, तब इतिहासकार भारत द्वारा अपनी सभ्यता विरासत की निरंतर खोज में युगांतरकारी आयोजन के रूप में इसका विवेचन करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि भारत की अध्यक्षता में दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन एक अभूतपूर्व उपलब्धि थी।
जी20 की मेजबानी पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा, जी20 शिखर सम्मेलन के माध्यम से ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में भारत के अभ्युदय को भी बढ़ावा मिला, जिससे अंतरराष्ट्रीय संवाद की प्रक्रिया में एक आवश्यक तत्व का समावेश हुआ। नारी सशक्तिकरण पर बात करते हुए मुर्मू ने कहा, ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’, महिला सशक्तीकरण का एक क्रांतिकारी माध्यम सिद्ध होगा। इससे हमारे शासन की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में भी बहुत सहायता मिलेगी।