हैदराबाद: कोरोना वायरस (Coronavirus) जैसे घातक वायरस का दुष्प्रभाव झेल रहे भारत में इससे होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है। ऐसे में तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव (K Chandrasekhar Rao) सरकार ने फैसला किया है कि इस मुश्किल घड़ी में राज्य के खजाने पर आर्थिक संकट बढ़ गया है, जिसकी वजह से इस बार मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों, विधायकों, विधान पार्षदों की सैलरी में 75 परसेंट तक की कटौती की जाएगी।
यही नहीं, आईएस सहित आईपीएस, आईएफएस की सैलरी में भी 60 प्रतिशत की कटौती होगी। अन्य वर्गों के कर्मचारियों की सैलरी में 50 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। पेंशन पाने वाले पूर्व कर्मचारियों और अधिकारियों के पेंशन में भी 50 परसेंट तक की कटौती करने का फैसला तेलंगाना सरकार ने लिया है। इसके अलावा क्लास 4 कर्मचारियों की सैलरी या रिटायर्ड ग्रुप 4 कर्मचारियों के पेंशन में सरकार 10 परसेंट की कटौती करेगी।
मालूम हो, सोमवार को मुख्यमंत्री केसीआर ने हैदराबाद में एक उच्चस्तरीय मीटिंग के दौरान राज्य की बदहाल वित्तीय स्थिति पर चर्चा करते हुए सभी की सैलरी से कटौती करने का फैसला किया है। वहीं, मुख्यमंत्री ऑफिस से जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री के साथ सभी कैबिनेट मिनिस्टर्स, विधायकों, एमएलसी, राज्य सरकार के कॉरपोरेशन के चेयरमैन, शहरी और लोकल बॉडी के प्रतिनिधियों की सैलरी में से 75 परसेंट की कटौती की गई है।
वैसे आर्थिक तंगी से जूझ रही केसीआर सरकार ने राज्य सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों के अलावा शिक्षकों के वेतन में भी कटौती करने का मन बनाया है। उनकी सैलरी में 50 परसेंट की कटौती कर दी गई है। वहीं, वेतन में की जा रही कटौती को लेकर सरकार ने कहा है कि राज्य सरकार के निगम या दूसरे विभागों में काम कर रहे स्टाफ की सैलरी में इसी आधार पर कटौती होगी।
मगर अभी तक यह नहीं बताया गया है कि सभी को कटकर सैलरी कब तक मिलेगी। हालांकि, ये माना जा रहा है कि 1 अप्रैल को आने वाली सैलरी कटकर आएगी। राज्य सरकार ने अब तक यह घोषणा नहीं की है कि ये कब तक जारी रहेगा, लेकिन उम्मीद है कि मंगलवार (31 मार्च) को इसके लिए औपचारिक आदेश जारी किया जा सकता है। औपचारिक आदेश आने के बाद ये साफ़ हो जाएगा कि सरकार का फैसला कब तक लागू रहेगा।