कोलकाता। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के मस्तिष्क में सर्जरी के बाद से उनकी हालत नाजुक है और इस बीच पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के किरनाहार में उनके जल्दी ठीक होने की कामना को लेकर मंगलवार से एक यज्ञ शुरू हो गया है। मुखर्जी के पैतृक गांव में शुरू हुआ यह यज्ञ 72 घंटे तक चलेगा। सर्जरी से पहले 84 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। वह सेना के आर आर अस्पताल में अभी वेंटिलेटर पर हैं।
यह यज्ञ जपेश्वर शिव मंदिर में जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर शुरू हुआ और बिना किसी रूकावट के यह तीन दिन तक जारी रहेगा। मुख्य पुजारी ने इसकी जानकारी दी। पुजारी ने कहा, 'महामृत्युंजय यज्ञ से प्रणब बाबू के स्वास्थ्य में निश्चित तौर पर सुधार होगा। वह किरनाहार के सपूत हैं।'
प्रणब मुखर्जी की बहन एवं परिवार के अन्य सदस्यों ने उनके ठीक होने के लिये प्रार्थना की। सोमवार को मुखर्जी ने ट्वीट कर कहा था कि उनमें कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुयी है और उन्होंने पिछले हफ्ते अपने संपर्क में आये सभी लोगों को पृथक—वास में जाने और कोरोना जांच कराने का आग्रह किया था।
सेना के रिसर्च एंड रेफरल (आर एंड आर) अस्पताल ने मंगलवार को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत नाजुक बनी हुई है और उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया है। इससे एक दिन पहले उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी।
अस्पताल की ओर से जारी नए मेडिकल बुलेटिन में कहा गया, ‘‘पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत नाजुक बनी हुई है और उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया है। खून का थक्का बनने के कारण सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति के मस्तिष्क की सर्जरी की गयी थी। उनकी हालत में कोई सुधार नजर नहीं आया है और स्थिति नाजुक बनी हुई है । ’’
इससे पहले अस्पताल ने बताया था कि पूर्व राष्ट्रपति को 10 अगस्त को गंभीर स्थिति में 12 बजकर सात मिनट पर दिल्ली छावनी स्थित सेना के आर एंड आर अस्पताल में भर्ती कराया गया इसमें कहा गया, “अस्पताल में की गई चिकित्सीय जांच में सामने आया कि उनके मस्तिष्क में एक बड़ा सा थक्का है, जिसके लिए उनकी आपातकालीन जीवनरक्षक सर्जरी की गई।”