छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले 62 नक्सलियों ने 51 हथियारों के साथ किया सरेंडर
By धीरज पाल | Updated: November 6, 2018 13:23 IST2018-11-06T13:22:54+5:302018-11-06T13:23:14+5:30
बता दें कि मतदान से पहले ही जंगलों में सर्चिंग अभियान तेज किया गया है। फोर्स दुर्दांत नक्सली कमांडर माडवी हिडमा की तलाश में है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले 62 नक्सलियों ने 51 हथियारों के साथ किया सरेंडर
छत्तीसगढ़ में 12 नवंबर से 7 दिसंबर 2018 के बीच चुनाव होने हैं। इससे पहले ही छत्तीगढ़ की पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। चुनाव से पहले नारायणपुल जिले में कुल 62 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। एएनआई एजेंसी के मुताबिक ये नक्सली बस्तर के आईजी विवेकानंद सिन्हा और जिले के एसपी जितेंद्र शुक्ला के सामने आत्मसर्पण किया।
62 नक्सलियों के आत्मसर्पण से सुरक्षाबलों के लिए बड़ी उपलब्धी मानी जा रही है। बता दें कि 62 नक्सलियों ने 51 हथियार के साथ ही आत्मसमर्पण किया है।
Narayanpur: 62 naxals with 51 country made weapons have surrendered before Bastar IG Vivekanand Sinha & Narayanpur SP Jitendra Shukla today. #Chhattisgarhpic.twitter.com/QAuI70oEiO
— ANI (@ANI) November 6, 2018
सर्चिंग अभियान तेज
बता दें कि मतदान से पहले ही जंगलों में सर्चिंग अभियान तेज किया गया है। फोर्स दुर्दांत नक्सली कमांडर माडवी हिडमा की तलाश में है। अगर उसकी लोकेशन का पता चल गया तो चुनाव में गड़बड़ी करने के नक्सली मंसूबे ध्वस्त हो सकते हैं।
असल खतरा मिलिट्री बटालियन
पुलिस विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि चुनाव को लेकर नक्सलियों की बयानबाजी सिर्फ दहशत फैलाने का तरीका है। असल खतरा मिलिट्री बटालियन की गतिविधियों से है। इसे ध्यान में रखकर रणनीति बनाई जा रही है। सुकमा के जगरगुंडा इलाके से बीजापुर के बासागुड़ा और उसके आगे इंद्रावती नदी के पार अबूझमाड तक प्रवेश के हर रास्ते पर खुफिया निगरानी का तंत्र विकिसत किया गया है।
बड़ी वारदात की फिराक में
नक्सली कमांडर गणोश उइके ने बयान जारी किया है कि चुनाव में नेता आएं तो उन्हें मार भगाओ, नेताओं को जन अदालत में लाओ। इन धमकियों के बावजूद नक्सलगढ़ में चुनाव की तैयारियां की जा रही हैं। मतदान दल जंगल में रवानगी के लिए तैयार हैं। नेता अंदरूनी गांवों तक प्रचार के लिए पहुंच रहे हैं। सबकुछ ठीक चल रहा है लेकिन नक्सली अचानक किसी बड़ी वारदात की फिराक में हमेशा रहते हैं। इसे ध्यान में रखकर हर कदम फूंक-फूंककर उठाया जा रहा है। जंगल के चप्पे-चप्पे पर सर्चिंग की जा रही है। जमीन में गड़े विस्फोटकों की तलाश हो रही है। छिटपुट घटनाओं के बाद सतर्कता बढ़ाई गई है। अंतरराज्यीय सीमा से कोई नक्सली यहां न आने पाए इसका पुख्ता इंतजाम किया गया है।