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बिहार से 1000 किमी साइकिल चलाकर किसान आंदोलन में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंचा 60 वर्षीय बुजुर्ग, जानें क्या कहा

By अनुराग आनंद | Updated: December 18, 2020 10:03 IST

दिल्ली में हो रहे किसानों के आंदोलन में शामिल होने के लिए बिहार के सीवान जिले के एक बुजुर्ग साइकिल चलाकर दिल्ली पहुंचे हैं।

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ठळक मुद्देसीवान जिले के रहने वाले सत्यदेव मांझी लगातार 11 दिन साइकिल चलाकर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर पहुंचे हैं।सरकार का दावा है कि ये तीनों कानून किसानों के हित में हैं, ऐसे में किसान आंदोलन छोड़ वापस घर लौटे।वहीं किसानों का आरोप है कि इससे उन्हें नहीं बल्कि पूंजीपतियों को लाभ होगा, ऐसे में सरकार को कानून वापस लेना ही होगा।

नई दिल्ली: बीते करीब 22 दिनों से नरेंद्र मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य हिस्सों से यहां पर जमे किसानों की मांग है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले।

इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए दूर दराज से किसानों का पहुंचना जारी है। इसी कड़ी में किसानों को समर्थन देने के लिए बिहार के सीवान जिले के एक बुजुर्ग साइकिल चलाकर दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने मांग की है कि सरकार किसानों के हित में इन कानूनों को वापस ले ले।

एएनआई के मुताबिक, बिहार के सीवान जिले के रहने वाले सत्यदेव मांझी लगातार 11 दिन साइकिल चलाकर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर पहुंचे हैं। टिकरी पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि सीवान से यहां तक आने में मुझे 11 दिन लगे हैं। मैं सरकार से अपील करता हूं कि वे कृषि कानूनों को वापस ले ले।

सरकार का दावा है कि ये तीनों कानून किसानों के हित में हैं। वहीं किसानों का आरोप है कि इससे उन्हें नहीं बल्कि पूंजीपतियों को लाभ होगा। विपक्ष भी सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है।

गुरुवार को ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक पत्र लिखकर किसानों से अपनी बात कही है। तोमर ने लिखा है कि ऐतिहासिक कृषि सुधारों को लेकर पिछले कुछ दिनों से मैं लगातार आपके (किसान) संपर्क में हूं। बीते दिनों मेरी अनेक राज्यों के किसान संगठनों से बातचीत हुई है। 

कई किसान संगठनों ने इन कृषि सुधारों का स्वागत किया है, वे इससे बहुत खुश हैं। किसानों में एक नई उम्मीद जगी है। लेकिन इन कृषि सुधारों का दूसरा पक्ष यह भी है कि कुछ किसान संगठनों में इन्हें लेकर एक भ्रम पैदा कर दिया गया है। तोमर ने लिखा, 'देश का कृषि मंत्री होने के नाते, मेरा कर्तव्य है कि हर किसान का भ्रम दूर करूं, हर किसान की चिंता दूर करूं।  

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