पटना, 3 अप्रैल: गृह राज्यमंत्री वी के सिंह ने इराक में मारे गए 38 भारतीय नागरिकों के शवों के अवशेष परिजनों को सौंप दिया। एक भारतीय का शव इसलिए नहीं सौंपा गया है क्योंकि उनका शिनाख्त नहीं हो पाया। इन 39 भारतीयों में से छह मृतक बिहार के थे। जिनमें से पांच के शव के अवशेष परिजनों को सुपुर्द करने के लिए मंगलवार की सुबह सिवान पहुंचा। लेकिन इसी बीच दो परिवार वालों ने शव के अवशेष लेने से साफ इंकार कर दिया।
सिवान के पुलिस लाइन में जिलाधिकारी महेंद्र कुमार और एसपी नवीन चंद्र झा ने इन्हें पहले श्रद्धांजलि दी। सुनील कुमार कुशवाहा और अदालत सिंह के परिवार वालों ने शव लेने से इंकार कर दिया। सुनील कुमार कुशवाहा और अदालत सिंह के परिवार वालों का कहना है कि बिहार सरकार ने मृतकों के लिए पांच लाख रुपए देने का ऐलान किया है, जो बहुत कम है और नाकाफी है।
सुनील कुशवाहा की पत्नी पूनम देवी ने आज तक से बातचीत के दौरान बताया कि उनके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं, जो छह और आठ साल के हैं। पति के मौत के बाद उन्हें घर-परिवार चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी वजह से उन्होंने सरकार से एक सरकारी नौकरी देने की मांग की थी। पूनम देवी ने यह भी साफ कहा कि जब तक सरकार की ओर से नौकरी का ऐलान नहीं होता, वह शव को वापस नहीं लेंगी।
ठीक इसी तरह अदालत सिंह के परिजनों ने भी शव लेने से साफ इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि बिहार सरकार को भी पंजाब सरकार की तरह मुआवजे के अलावा सरकारी नौकरी देने की घोषणा करनी चाहिए।
गौरतलब है कि युद्धप्रभावित इराक से लाए गए छह में से पाँच बिहार के रहने वालों के शवों के अवशेषों को लेकर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह विशेष विमान से 2 अप्रैल देर शाम पटना हवाईअड्डा पहुंचे। पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुष्प-चक्र अर्पित करके मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।