26th Week Pregnancy: दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने विवाहित महिला को 26 सप्ताह की गर्भावस्था पर फैसला अलग-अलग सुनाया, जानें पूरा मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 11, 2023 04:19 PM2023-10-11T16:19:42+5:302023-10-11T16:20:35+5:30

26th Week Pregnancy: केन्द्र की याचिका पर बुधवार को अलग-अलग फैसला सुनाया न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने नौ अक्टूबर को आदेश पारित किया था।

26th Week Pregnancy two-judge bench Supreme Court gave separate verdicts in the abortion case | 26th Week Pregnancy: दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने विवाहित महिला को 26 सप्ताह की गर्भावस्था पर फैसला अलग-अलग सुनाया, जानें पूरा मामला

सांकेतिक फोटो

Highlightsकेन्द्र की याचिका को अब प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के पास भेजा जाए।पहला आदेश भली-भांति सोचकर दिया गया था।मानसिक रूप से तीसरे बच्चे को पालने की स्थिति में नहीं है। महिला के दो बच्चे हैं।

26th Week Pregnancy:  उच्चतम न्यायालय की दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने विवाहित महिला को 26 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति देने के उसके नौ अक्टूबर के आदेश को वापस लेने संबंधी केन्द्र की याचिका पर बुधवार को अलग-अलग फैसला सुनाया न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने नौ अक्टूबर को आदेश पारित किया था।

पीठ ने कहा कि केन्द्र की याचिका को अब प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के पास भेजा जाए ताकि उसे उचित पीठ के समक्ष भेजा जा सके। न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि वह 27 वर्षीय महिला को गर्भपात की अनुमति नहीं दे सकतीं, न्यायमूर्ति नागरत्ना ने केन्द्र की याचिका खारिज कर दी और कहा कि पहला आदेश भली-भांति सोचकर दिया गया था।

शीर्ष अदालत ने नौ अक्टूबर को महिला को गर्भावस्था की चिकित्सीय समाप्ति की अनुमति दी थी। अदालत ने इस बात पर गौर किया कि वह अवसाद से पीड़ित है और भावनात्मक, आर्थिक एवं मानसिक रूप से तीसरे बच्चे को पालने की स्थिति में नहीं है। महिला के दो बच्चे हैं।

हालांकि उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उस नयी चिकित्सकीय रिपोर्ट पर वेदना व्यक्त की जिसमें 26 सप्ताह की गर्भवती विवाहित महिला के भ्रूण के जीवित रहने की प्रबल संभावना जताई गई थी। प्रारंभ में उसे गर्भपात की इजाजत दी गई थी।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कौन सी अदालत कहेगी ‘‘भ्रूण की हृदयगति बंद कर दो।’’ न्यायालय की कार्यवाही शुरू होने पर न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने पूछा, ‘‘यदि चिकित्सक पिछली रिपोर्ट के दो दिन बाद इतने स्पष्ट हो सकते हैं, तो (पहले की) रिपोर्ट अधिक विस्तृत और अधिक स्पष्ट क्यों नहीं थी?’’

पीठ ने केन्द्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल से पूछा,‘‘ पहले की रिपोर्ट में वे अस्पष्ट क्यों थे?’’ पीठ ने कहा कि उसने नई दिल्ली एम्स के चिकित्सकों की एक टीम द्वारा पेश रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए पिछला आदेश पारित किया था, जिसने महिला की जांच की थी।

Web Title: 26th Week Pregnancy two-judge bench Supreme Court gave separate verdicts in the abortion case

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे