26/11 मुंबई हमलाः देश के लिए शहीद हुए इस ASI की बहादुरी से जिंदा पकड़ा गया था आतंकी कसाब
By रामदीप मिश्रा | Published: November 26, 2018 07:58 AM2018-11-26T07:58:58+5:302018-11-26T07:58:58+5:30
2008 Mumbai Attacks: आतंकवादी अजमल कसाब अपने साथी इस्माइल के साथ एक सफेद रंग की स्कोडा कार छीनकर भागा था, जिसे तुकाराम ओंबले ने गिरगांव चौपाटी पर रोक लिया था।
देश की मायानगरी कही जाने वाली मुंबई में आज के दिन ही लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई में आतंक मचाया था, जिसमें कई लोगों को जानें गई थीं और कई घायल हो गए थे। ये आतंकी पाकिस्तान के कराची से मुबई आए थे और 26 नवंबर 2008 को एक बड़े हमले को अंजाम दिया था, लेकिन देश के बहादुर सुरक्षाबलों ने नौ आतंकवादियों को ढेर कर दिया था और एक आंतकवादी को जिंदा पकड़ लिया था, जिसका नाम अजमल कसाब था।
इस आतंकवादी को जिंदा पकड़ने वाले मुंबई पुलिस के एएसआई तुकाराम ओंबले थे, जोकि इस हमले में शहीद हो गए थे। लेकिन, तुकाराम ने वीरता की एक ऐसी मिसाल दी है, जिस पर हिन्दुस्तान का हर नागरिक गर्व करेगा और इतिहास में वह हमेशा याद किए जाएंगे।
दरअसल, आतंकवादीअजमल कसाब अपने साथी इस्माइल के साथ एक सफेद रंग की स्कोडा कार छीनकर भागा था, जिसे तुकाराम ओंबले ने गिरगांव चौपाटी पर रोक लिया था। दोनों ओर से फायरिंग हुई थी, जिसमें कसाब का साथी इस्माइल मारा गया था। इसी बीच तुकाराम ने दौड़कर कसाब की एके-47 राइफल पकड़ ली और कसाब ने उनके ऊपर फायरिंग कर दी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। लेकिन, उन्होंने उसे छोड़ा नहीं और जकड़ के पकड़े रखा। वहीं, अन्य पुलिसकर्मियों ने कसाब को जिंदा पकड़ लिया।
सुरक्षाबलों ने तत्काल प्रभाव से गंभीर रूप से घायल तुकाराम को अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उन्हें बचाया नहीं जा सका और शहीद हो गए। लेकिन, इतिहास के पन्नों पर अजर अमर हो गए। वहीं, उनकी बहादुरी की वजह से जिंदा पकड़े गए आतंकवादी अजमल कसाब से भारत ने कई राज उगलवाए और नवंबर 2012 में फांसी उसे फांसी दे दी गई।
गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को हुए इस हमले के आज 10 साल हो गए हैं। इस मुंबई हमले में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 300 अधिक लोग घायल हुए थे। ये तारीख भारतीय इतिहास में एक काले दिन के रूप में दर्ज हो गई, जिसे सुनकर आज भी लोगों का दिल दहल उठता है।