लाइव न्यूज़ :

जम्मू कश्मीर के 24 आइटम्स भेजे जा रहे GI टैगिंग के लिए, जानें

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: December 27, 2022 15:14 IST

जम्मू कश्मीर जिन उत्पादों के लिए जीआई टैगिंग पर जोर देगा, उनमें सेब (अंबरी), सेब (महाराजी), नाशपती (नाक-तांग), अंगूर (रेपोरा), अखरोट, काला जीरा, लाल चावल, शालोट्स (प्राण), कश्मीरी लंबी मिर्च, शामिल हैं।

Open in App
ठळक मुद्देविभाग द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, ये समितियां फसलों और उत्पादों से संबंधित सभी प्रासंगिक जानकारी उनकी विशेषता, उपज, प्रक्रिया के संदर्भ में एकत्र करेंगी।जो इन्हें जीआई टैगिंग के लिए योग्य बनाने के लिए आवश्यक हैं।समिति जीआई टैग की जाने वाली फसल की विशिष्ट विशेषताओं और उत्पत्ति और टैगिंग के लिए अर्हता प्राप्त करने वाली अन्य विशिष्ट विशेषताओं को भी प्रदान करेगी।

जम्मू: जम्मू कश्मीर सरकार ने सेब (अंबरी और महाराजी), हरिसा, गुस्ताबा और खन्यारी हाख सहित 24 विभिन्न फसलों और उत्पादों की भौगोलिक संकेत (जीआई) टैगिंग के लिए जोर देने का फैसला किया है। इसकी खातिर केंद्र शासित प्रदेश के कृषि उत्पादन विभाग ने जम्मू कश्मीर की 24 फसलों और उत्पादों की जीआई टैगिंग के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया है।

जम्मू कश्मीर जिन उत्पादों के लिए जीआई टैगिंग पर जोर देगा, उनमें सेब (अंबरी), सेब (महाराजी), नाशपती (नाक-तांग), अंगूर (रेपोरा), अखरोट, काला जीरा, लाल चावल, शालोट्स (प्राण), कश्मीरी लंबी मिर्च, शामिल हैं।

नदरू सिंघाड़ा, खुबानी, हांज हाख, खान्यारी हाख, कुथ, गोजाबन, पुंबे चालान, कोड, मांस उत्पाद जैसे हरिसा, गुस्ताबा, तबखमाज, सूखी मछली (होगाड़), स्मोक्ड मछली (फर), पहाड़ी लहसुन, पाइन नट्स (चिलगोजा) , लाल चावल, मिल्क केक (अब्दुलियन, आरएस पुरा), गटिया थॉम (पहाड़ी लहसुन), मोठ (पूंची), चंडक बासमती (पुंछ) और जैतून को भी इस सूची में शामिल किया गया है।

विभाग द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, ये समितियां फसलों और उत्पादों से संबंधित सभी प्रासंगिक जानकारी उनकी विशेषता, उपज, प्रक्रिया के संदर्भ में एकत्र करेंगी। जो इन्हें जीआई टैगिंग के लिए योग्य बनाने के लिए आवश्यक हैं। समिति जीआई टैग की जाने वाली फसल की विशिष्ट विशेषताओं और उत्पत्ति और टैगिंग के लिए अर्हता प्राप्त करने वाली अन्य विशिष्ट विशेषताओं को भी प्रदान करेगी।

आदेश के अनुसार, समितियां छह महीने की अवधि के भीतर प्रक्रिया पूरी करेंगी और आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपेंगी। जानकारी के लिए जीआई टैगिंग उद्योग संवर्धन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा भौगोलिक संकेत और संरक्षण अधिनियम 1999 के तहत पंजीकृत है।

सरकार ने इन फसलों और उत्पादों का जीआई पंजीकरण करवाने के लिए वित्त आयुक्त, कृषि उत्पादन विभाग, अटल डुलू की अध्यक्षता में एक शीर्ष स्तरीय समिति का भी गठन किया है। इस समिति के पैनल में पद्म पुरस्कार विजेता डॉ. रजनीकांत (जीआई टैगिंग विशेषज्ञ), डॉ. जेपी शर्मा (वीसी स्कास्ट जम्मू), डॉ. नजीर अहमद गनाई (वीसी स्कास्ट कश्मीर) और सचिन धनिया, उप सचिव, उद्योग और आंतरिक व्यापार विभाग, मंत्रालय शामिल हैं।

टॅग्स :जम्मू कश्मीर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

भारत अधिक खबरें

भारतGoa Club Fire: नाइट क्लब अग्निकांड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हुई, 4 पर्यटकों समेत 14 कर्मचारियों की मौत

भारतGoa Fire: गोवा नाइट क्लब आग मामले में पीएम ने सीएम सावंत से की बात, हालातों का लिया जायजा

भारतटीचर से लेकर बैंक तक पूरे देश में निकली 51,665 भर्तियां, 31 दिसंबर से पहले करें अप्लाई

भारतगोवा अग्निकांड पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुख, पीड़ितों के लिए मुआवजे का किया ऐलान

भारतGoa Fire Accident: अरपोरा नाइट क्लब में आग से 23 लोगों की मौत, घटनास्थल पर पहुंचे सीएम सावंत; जांच के दिए आदेश