लाइव न्यूज़ :

‘ऑपरेशन विजय’ की 20वीं वर्षगांठः अधिकारी ने कहा, ‘हम शहीद नायकों के बलिदान को ‘याद करेंगे’, करगिल में हमारी जीत का जश्न मनाएंगे

By भाषा | Updated: July 6, 2019 16:07 IST

‘ऑपरेशन विजय’ की 20वीं वर्षगांठ ‘रिमेम्बर, रिज्वाइस एंड रिन्यू’ की थीम के साथ मनाई जाएगी। तीन बटालियनों के सैनिक उन पर्वत चोटियों पर जाएंगे, जहां उनकी टुकड़ियों ने घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए कठिन परिस्थितियों में जंग लड़ी थी।

Open in App
ठळक मुद्देबटालिक सेक्टर में ही कुछ बाशिंदों ने पाकिस्तानी सैनिकों को घुसपैठ करते मई 1999 में सबसे पहले देखा था। बटालिक सेक्टर के गर्खों गांव निवासी सेरिंग डोल्कर ने से कहा कि उन्हें देश की सेना पर गर्व है।

भारतीय सैनिक करगिल से पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ कर वहां विजयी पताका फहराने की 20 वीं वर्षगांठ पर ‘ऑपरेशन विजय’ के जीत के दृश्यों को 26 जुलाई को फिर से प्रदर्शित करेंगे।

बटालिक सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास रहने वाले लोगों ने कहा कि वे उस क्षण को फिर से जीना चाहते हैं, जब सैनिकों ने भीषण युद्ध के बाद तिरंगा फहराया था। बटालिक सेक्टर में ही कुछ बाशिंदों ने पाकिस्तानी सैनिकों को घुसपैठ करते मई 1999 में सबसे पहले देखा था।

‘ऑपरेशन विजय’ की 20वीं वर्षगांठ ‘रिमेम्बर, रिज्वाइस एंड रिन्यू’ की थीम के साथ मनाई जाएगी। तीन बटालियनों के सैनिक उन पर्वत चोटियों पर जाएंगे, जहां उनकी टुकड़ियों ने घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए कठिन परिस्थितियों में जंग लड़ी थी।

सेना के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा, ‘‘हम अपने शहीद नायकों के बलिदान को ‘याद (रिमेम्बर) करेंगे’। हम करगिल में हमारी जीत का जश्न (रिजाइस) मनाएंगे और हम तिरंगे के सम्मान की रक्षा करने के अपने संकल्प को दोहराएंगे (रिन्यू)।’’

उन्होंने कहा कि 2 राजपूताना राइफल्स के सैनिक तोतोलिंग शिखर पर जाएंगे, 13 जम्मू कश्मीर रायफल्स के जवान प्वाइंट 4875 पर जाएंगे और 1/9 गोरखा राइफल खलुबर शिखर पर जाएंगे। बटालिक में युद्ध लड़ चुके एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘हर कोई तोतोलिंग और टाइगर हिल की बात करता है लेकिन खलुबर, जुबर और खुकरथांग में युद्ध और भी कठिन था।’’

उन्होंने कहा कि दुर्गम क्षेत्र और शून्य डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान के साथ सामरिक रूप से भी बटालिक की लड़ाई अधिक कठिन थी। अधिकारी ने कहा कि शत्रु एक बड़े इलाके में काफी अंदर तक घुस आये थे। इसका यह अर्थ हुआ कि हमें कम संसाधनों के साथ कहीं अधिक पर्वत चोटियों से दुश्मनों को खदेड़ना था और वहां फिर से कब्जा करना था।

बटालिक सेक्टर में मुश्किल परिस्थितियों में जंग के लिए लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे को देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। बटालिक सेक्टर के गर्खों गांव निवासी सेरिंग डोल्कर ने से कहा कि उन्हें देश की सेना पर गर्व है, जिसने इन दुर्गम क्षेत्रों में कठिन लड़ाई लड़ी और अपनी चौकियों को फिर से हासिल कर लिया।

एक अन्य ग्रामीण डी नाम्गयाल ने कहा, ‘‘हम ‘ऑपरेशन विजय’ की 20वीं वर्षगांठ में भाग लेने के लिए उत्सुक है। हम अपने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए द्रास में युद्ध स्मारक जाएंगे। हम सैन्य बलों और टुकड़ियों को जीत के दृश्य को फिर से प्रदर्शित करते देखना चाहते हैं’’ 

टॅग्स :कारगिल विजय दिवसइंडियाजम्मू कश्मीर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारत अधिक खबरें

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी

भारतKyrgyzstan: किर्गिस्तान में फंसे पीलीभीत के 12 मजदूर, यूपी गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: कहां से आया 'जय भीम' का नारा? जिसने दलित समाज में भरा नया जोश